सूर्योदयः– प्रातः 06:31:00
सूर्यास्तः– सायं 05:29:00
विशेषः– रविवार को भगवान सूर्य को प्रातः ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़ और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः– दक्षिणायन
ऋतुः– शिशिर ऋतु
मासः– माघ माह
पक्षः– शुक्ल पक्ष
तिथिः– पंचमी तिथि 11:11:00 तक तदोपरान्त षष्ठी तिथि
तिथि स्वामीः- पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं तथा षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं।
नक्षत्रः– रेवती नक्षत्र 30:20:00 तक तदोपरान्त अश्विनि नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- रेवती नक्षत्र के स्वामी बुध देव हैं तथा अश्विनि नक्षत्र के स्वामी केतु जी हैं।
योगः– साध्य 16:52:00 तक शुभ
दिशाशूलः– रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें।
गुलिक कालः– शुभ गुलिक काल 03:19:00 से 04:41:00 तक
राहुकालः– आज का राहु काल 04:41:00 से 06:04:00 तक
तिथि का महत्वः- यह तिथि समस्त शुभ कार्यों के लिए शुभ है तथा इस तिथि में ऋण किसी भी कीमत पर न दें।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”
Astrologer Dr. Trilokinath