पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनकर तो तैयार हो गया है और इस पर आज से ही आवाजाही शुरू हो जाएगी. लेकिन अभी भी कुछ सुविधाएं यहां नहीं हैं. 341 किलोमीटर के सफर में ना तो रास्ते में पेट्रोल मिलेगा ना ही टॉयलेट और अगर गाड़ी खराब हुई तो गैराज भी नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं, खाने-पीने की भी व्यवस्था अभी नहीं हुई है। हालांकि, सरकार का कहना है कि इनके इंतजाम किए जा रहे हैं। UPEIDA का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर 8 जगहों पर फ्यूल पंप और 4 जगहों पर सीएनजी स्टेशन बनाए जाने हैं।
इस एक्सप्रेस-वे पर 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 7 दीर्घ सेतु, 104 लघु सेतु, 13 इंटरचेंज, 5 रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपासेज और 525 पुलियों का निर्माण कराया गया है।
एक अनुमान के मुताबिक, 340 किलोमीटर का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का सफर तय करने में करीब 4 घंटे का वक्त लगेगा और इस एक्सप्रेस-वे के जरिए सरकार को टोल से 202 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। . फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा, यानी अभी कुछ दिन यह सफर मुफ्त रहेगा। दरअसल, ये टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया जाएगा। यह कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और इसके बाद टोल बूथ पर टोल लगेगा। माना जा रहा है कि इसकी दरें लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे की दरों के आसपास ही रखी जाएंगी।
ये एक्सप्रेस वे जनपद लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर से होकर निकलेगा। सरकार का दावा है कि यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ उद्योग धंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को गाजीपुर से बिहार को जोड़ने के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है।
341 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे ना सिर्फ गाजीपुर, बलिया और आजमगढ़ समेत आसपास के जिलों के विकास को तेज करेगा बल्कि यहां के पिछड़ेपन को भी दूर करेगा। 9 जिलों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे से गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में महज 10 घंटे लगेंगे। साथ ही राजधानी से पूर्वांचल के आखिरी छोर तक सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। इसके अलावा यूपी के साथ बिहार का भी रास्ता आसान होगा।