औरैया।
जिले में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। जिन किसानों की धान की फसल इस बार बंपर हुई थी और चेहरे पर खुशी झलक रही थी, अब वही किसान सदमे में हैं। तेज़ हवा और भारी बारिश के चलते खेतों में खड़ी धान की फसल जमीन पर गिर गई है, जिससे भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
किसानों का कहना है कि इस बार मौसम ने उनके साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। कुछ दिन पहले तक धान की फसल लहलहा रही थी, लेकिन अब खेतों में सिर्फ गिरी हुई बालियां और पानी भरे गड्ढे नजर आ रहे हैं। बारिश का पानी खेतों में भर गया है, जिससे फसल सड़ने का खतरा बढ़ गया है।
केवल धान ही नहीं, बल्कि लगभग 10 दिन पहले बोई गई सरसों की फसल भी पानी में डूबने की कगार पर है। किसानों ने बताया कि मंगलवार से लेकर बुधवार तक लगातार पानी बरसता रहा और गुरुवार को भी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
मौसम विभाग की चेतावनी के बीच किसान सबसे ज़्यादा परेशान हैं कि अगर बारिश जारी रही तो आने वाले दिनों में आलू की बुवाई पर भी असर पड़ेगा। बुवाई में देरी से किसानों को अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ सकता है।
किसानों का कहना है कि उन्होंने सालभर की मेहनत के बाद अच्छी फसल की उम्मीद की थी, लेकिन अब सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। क्षेत्र के कई गांवों — जैसे कि दिबियापुर, अछल्दा, औरैया मुख्यालय के आसपास के इलाके — में खेतों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
किसानों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की है कि खेतों का सर्वे कराया जाए और उन्हें फसल नुकसान का उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। किसानों का कहना है कि अगर समय रहते मदद नहीं मिली, तो अगली फसलों की तैयारी भी मुश्किल हो जाएगी।
स्थानीय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में किसान लगातार सहायता की मांग कर रहे हैं।
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