नई दिल्ली। पंजाब में इस बार इतिहास बदल गया. यहां सालों से चली आ रही सियासी परंपरा टूट गई. पंजाब में सत्ता पर काबिज होने का कांग्रेस और बीजेपी के साथ-साथ शिरोमणि अकाली दल का सपना चकनाचूर हो गया. पंजाब के लोगों ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को पसंद किया और सत्ता पर काबिज होने का रास्ता बन गया.
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प्रदेश में आम आदमी पार्टी बंपर बहुमत की तरफ बढ़ रही है. भगवंत मान का प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. वही दूसरे नंबर पर कांग्रेस नजर आ रही है. इस चुनाव में कई सियासी दिग्गज ढेर हो गए. वर्तमान से लेकर कई पूर्व मुख्यमंत्री तक चुनाव हार गए.
पंजाब में कई दिग्गजों की फौज धराशायी
पंजाब की 117 सीटों पर हुए चुनाव में कई दिग्गज अपनी साख नहीं बचा पाए. पंजाब की सियासत में रसूख रखने वाले बड़े-बड़े दिग्गज इस चुनाव में धराशायी हो गए. पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल इस बार चुनाव में मात खा गए. पंजाब की सबसे सुरक्षित सीट लंबी से उनकी हार लोगों को काफी चौंका रही है.
आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट गुरमीत सिंह खुदियां ने प्रकाश सिंह बादल को करीब 9000 मतों के अंतर से हरा दिया. इतना ही नहीं प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी चुनाव हार गए. चन्नी को आम आदमी पार्टी के युवा चेहरे लाभ सिंह उग्गोके ने हरा दिया. इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपनी सीट नहीं बचा पाए. शिरोमणि अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया को भी हार का सामना करना पड़ा.
हम अपना फर्ज निभाएंगे- भगवंत मान
पंजाब में आम आदमी पार्टी को ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है. पार्टी को बंपर जीत मिलने से केजरीवाल, भगवंत मान के साथ सभी नेता और कार्यकर्ता गदगद हैं. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच जश्न का माहौल है. अपनी पार्टी के बंपर जीत गदगद नेता जश्न में डूबे हैं.
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इस बीच पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेता और सीएम उम्मीदवार भगवंत मान ने संगरुर में कहा कि, जिन्होंने हमारी पार्टी को वोट दिया उन्हें भी धन्यवाद, जिन्होंने नहीं दिया उन्हें भी धन्यावाद. उन्होंने कहा कि प्रदेश का पहला मामला बेरोजगारी है. पहले दिन से ही इसे लेकर काम किया जाएगा. भगवंत मान ने कहा कि आपने झाडू को वोट देकर अपना फर्ज निभा दिया है. अब फर्ज निभाने की जिम्मेदारी मेरी है.
पंजाब में आम आदमी पार्टी के सामने क्या हैं चुनौतियां
पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी ने लोगों से कई वादे किए थे. सरकार बनने पर उन्हें पूरा करने की चुनौती होगी. बेरोजगारी एक अहम मुद्दा है. सरकार के सामने रोजगार के अवसर बढ़ाने को लेकर बड़ी चुनौती होगी. दिल्ली की तर्ज पर पंजाब में भी स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने और उसे बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने का वादा किया गया था जिसे पूरा करना नई सरकार के बहुत आसान नहीं होगा.
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वही कई शिक्षकों के वेतन और स्थाई नौकरी का मुद्दा भी चुनाव के दौरान सुर्खियों में रहा जिसे पूरा करने की जिम्मेदारी सरकार की होगी. इसके साथ ही मुफ्त बिजली का वादा किया गया है. वही बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लिए 16 हजार मोहल्ला क्लिनिक की बात कही गई थी जिसे पूरा करने की नई सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी. योजनाओं को लागू करने में आर्थिक स्तर पर परेशानी आ सकती है. पार्टी ने 18 साल से ऊपर की महिला के बैंक खाते में हर महीने 1000 रुपये देने का वादा किया था जिसे लागू करना एक बड़ी चुनौती होगी.