UK woman gets Rs 32 lakh compensation : ऑफिस में स्पोर्ट्स शू पहनकर जाने पर एक लड़की को नौकरी से निकाल दिया गया, इसके बाद लड़की को 32 लाख रुपये का मुआवजा मिला।
UK woman gets Rs 32 lakh compensation : एक लड़की सबसे कम उम्र की कर्मचारी के तौर पर एक कंपनी में काम करना शुरू किया लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद लड़की को जॉब से निकाल दिया गया। इसके पीछे लड़की को जो कारण बताया गया, उसे जानकर वह हैरान थी। लड़की ने इसके लिए कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया। कंपनी ने कई सफाईयां कोर्ट के सामने पेश की लेकिन एक भी नहीं सुनी गई और लड़की को तीस लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया गया।
ये है पूरी कहानी
काम पर स्पोर्ट शू पहनने के कारण एक 20 साल की लड़की को मुआवजे के रूप में 30,000 पाउंड (32,20,818 रुपये) दिए गए। एलिजाबेथ बेनासी नाम की लड़की ने 2022 में मैक्सिमस यूके सर्विसेज में काम करना शुरू किया था लेकिन बेनासी ने कहा था कि उन्हें नहीं पता था कि कंपनी का कोई ड्रेस कोड भी है। इसके साथ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाकर नौकरी से निकाल दिया गया।
बच्चे की तरह हुआ व्यवहार!
एलिजाबेथ बेनासी ने बताया कि जूतों के कारण उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया गया, जबकि अन्य सहकर्मियों ने भी इसी तरह के जूते पहने थे और वे इससे बच गए। इसके बाद बेनासी ने कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उसके साथ एक बच्चे की तरह व्यवहार किया।
वहीं भर्ती एजेंसी ने बताया कि बेनासी को सिर्फ तीन महीने के लिए ही काम पर रखा था, इसीलिए उसे नौकरी से निकाल दिया गया। वह सबसे कम उम्र की कर्मचारी थी, इसीलिए उसे “माइक्रोमैनेज” किया जा रहा था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद साउथ लंदन के क्रॉयडन में लेबर कोर्ट ने एलिजाबेथ बेनासी के पक्ष में फैसला सुनाया। साथ में यह भी कहा कि कंपनी ने युवा कर्मचारी में “गलतियां खोजने की इच्छा” दिखाई थी।
कोर्ट ने कंपनी से कहा कि यदि आपने उसे तीन महीने के लिए ही काम पर रखा था तो अपने ईमेल में इसका उल्लेख किया होता। इसके कारण बेनासी को कार्यालय पहुंचने पर तुरंत और अनुचित तरीके से इस बारे में फटकार लगी। कोर्ट ने 29,187 पाउंड (32 लाख रुपये) का मुआवजा देने के लिए भी कहा।