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नींद न आना हार्ट की इस गंभीर बीमारी का संकेत, जानें Night Sleep का दिल से क्या संबंध?

Heart Attack Causes: आजकल नींद नहीं आना, कम आना, समय से आना या फिर गहरी न आना, ये सभी कॉमन प्रॉब्लम हो गई हैं। मगर क्या आप जानते हैं रात की अधूरी नींद हार्ट अटैक का बुलावा है? अगर नहीं, तो पढ़िए यह रिपोर्ट।

Heart Attack Causes: अच्छी सेहत के लिए नींद भी जरूरी होती है। अगर आपकी नींद अधूरी रहती है, तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिल पर पड़ता है। रात को नींद न आना किसी चेतावनी से कम नहीं है। यह सीधे तौर पर संकेत है कि आपको हार्ट अटैक आ सकता है। हालांकि, नींद की समस्याएं और हृदय रोगों के बीच एक कनेक्शन है, जिससे नींद पूरी होना जरूरी माना गया है। हेल्थ एक्सपर्ट हर इंसान को कम से कम 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं ताकि उन्हें किसी प्रकार का कोई रोग न घेरे।

नींद और दिल का क्या संबंध है?

जब हमारे शरीर को पर्याप्त आराम और नींद नहीं मिलती है, तो शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं। यह हार्मोन शरीर को रोगों से लड़ने में मजबूती भी देते हैं, इसलिए नींद जरूरी है। इस हार्मोन के अनियंत्रित होने से ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट में भी वृद्धि देखी जाती है। इंडिया डॉट कॉम में पब्लिश एक स्टोरी के अनुसार, डॉ. अरविंद बैडिगर, जो कि बीडीआर फार्मास्यूटिकल्स के निर्देशक हैं, बताते हैं कि तनाव के कारण लोगों की नींद प्रभावित हो रही है। रात को न सोने के कारण ब्लड वेसल्स सिकुड़ती हैं, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ता है।

और क्या कारण है?

रात को न सोना, हमारे मेटाबॉलिज्म को भी इफेक्ट करता है, जिससे मेटाबॉलिक के कार्य भी प्रभावित होते हैं। नींद पूरी न होने से इंसुलिन का उतार-चढ़ाव शरीर के अंदर ज्यादा बढ़ता है, वजन बढ़ता है और अंगों में सूजन भी होती है। कुछ रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि जो लोग रात को नींद पूरी नहीं करते हैं, उनमें 45% तक अधिक हार्ट अटैक आने का जोखिम रहता है। वहीं, युवाओं में यह प्रतिशत ज्यादा भी हो सकता है।

 

कैसे रखें दिल का ख्याल?

हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें- नियमित व्यायाम करें, जो तनाव को कम कर दिल को मजबूत बनाते हैं।

हेल्दी डाइट का सेवन करें- अपनी डाइट में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और अच्छे फैट्स को शामिल करें।

स्ट्रेस मैनेजमेंट- दिनचर्या में ध्यान, योग, और प्राणायाम जैसी गतिविधियों को शामिल करें, जिससे मानसिक शांति और आराम मिलता है।

स्लीप पैटर्न फॉलो करें- नियमित रूप से सोने और उठने का समय निर्धारित करें, रोजाना एक समय पर सोएं।

डॉक्टरी सलाह- अगर लगातार नींद न आने की समस्या रहती है, तो किसी डॉक्टर से कंसल्ट करें।

 

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