Friday , June 28 2024

मुरादाबाद को विकसित करने के लिए योगी सरकार ने खींचा खाका

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुरादाबाद के विकास के लिए महायोजना 2031 तैयार की है। सीएम योगी आदित्यनाथ मुरादाबाद को वाइब्रेंट इकोनॉमिक हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं। इसी के तहत औद्योगिक और लॉजिस्टिक पार्क के जरिए शहर के औद्योगिक विकास को गति देने की तैयारी की जा रही है।

पीतलनगरी के नाम से मशहूर मुरादाबाद के लिए राज्य सरकार महायोजना 2031 लेकर आई है। इसके तहत शहर का विस्तार और विकास तो सुनिश्चित ही होगा, साथ ही इसे आर्थिक हब बनाया जाएगा। ओडीओपी में शामिल यहां के पीतल हैंडीक्राफ्ट और निर्यात उद्योग को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि मुरादाबाद को वाइब्रेंट इकोनॉमिक हब के रूप में विकसित किया जाए। इसी क्रम में औद्योगिक और लॉजिस्टिक पार्क के जरिए शहर के औद्योगिक विकास को गति देने की तैयारी है। यहां पीतल उद्योग से जुड़े आर्टिजन के लिए हस्तशिल्प ग्राम बनाने के साथ ही मेगा एमएसएमई पार्क के निर्माण का भी प्रस्ताव है।

हाल ही में सीएम के सामने महायोजना का प्रस्तुतीकरण हुआ है। महायोजना में मुरादाबाद की भावी जरूरतों की पूर्ति के लिए सुदृढ़ आर्थिक आधार का निर्माण, सामाजिक-सांस्कृतिक एवं भौतिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाना है। एसईजेड को नगर के अंदर मौजूद औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ने के लिए 36 मीटर चौड़े औद्योगिक गलियारे का भी विकास किया जाएगा।

पूरी दुनिया में होता है पीतल की कलाकृतियों का निर्यात
मुरादाबाद के पीतल उत्पादों पर बने डिजाइन देश की संस्कृति, विरासत, इतिहास और विविधता को पूरी दुनिया में प्रदर्शित करते हैं। इनको सजाने के लिए उपयोग किए जाने वाले पैटर्न और डिजाइन विभिन्न स्रोतों से प्रेरित होते हैं। इनमें हिंदू देवी-देवताओं से लेकर मुगलकाल की पेंटिंग तक शामिल हैं। यहां से पूरी दुनिया में पीतल के उत्पाद निर्यात होते हैं।

1200 हेक्टेयर में बसेगी मेगा टाउनशिप शिवालिक
महायोजना के तहत मुरादाबाद में हस्तशिल्प ग्राम, मेगा एमएसएमई क्लस्टर, इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक पार्क, नॉलेज सिटी व मेडीसिटी के साथ ही 55 एकड़ में राज्य विश्वविद्यालय का निर्माण भी होगा। औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए कौशल विकास केंद्र, ऑडिटोरियम व कन्वेंशन सेंटर, 1200 हेक्टेयर में मेगा टाउनशिप शिवालिक और 130 हेक्टेयर में औद्योगिक व मिश्रत तथा 50 हेक्टेयर में आवासीय टाउनशिप का भी प्रस्ताव है। स्पोर्ट्स सिटी, आयुष पार्क, शुगरकेन प्रोसेसिंग क्लस्टर, कैटल कॉलोनी, मत्स्य मंडी और ट्रांसपोर्ट नगर का भी प्रस्ताव है।

सालभर बाद सरपट दौड़ेगा मुरादाबाद
मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा फोर लेन, रिंग रोड और पंडित नगला बाईपास स्थित रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण वर्ष 2025 तक हो जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि तीनों महत्वपूर्ण परियोजना पूरी होने पर एक साल में मुरादाबाद सरपट दौड़ेगा।

आम लोगों से लेकर कारोबारियों को काफी फायदा मिलेगा। पंडित नगला बाईपास रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज के 16 पिलरों का निर्माण शुरू हो गया है। पुल का निर्माण 18 माह में करने के लिए शासन ने लक्ष्य निर्धारित किया है। निर्माण की लागत एक अरब दो करोड़ रुपये है।

कांवड़ यात्रा के दौरान भारी वाहनों को सिर्फ सावन माह में ही संचालन की इजाजत मिलेगी। कांवड़ यात्रा के बाद स्थिति पूर्ववत हो जाएगी। इस पुल की लंबाई 854 मीटर और चौड़ाई 7.50 मीटर होगी।

रिंग रोड का पुल और अंडरपास निर्माणाधीन
शहर के यातायात व्यवस्था की लाइफ लाइन रिंग रोड का निर्माण तेज गति के साथ चल रहा है। मिट्टी डालने का काम अभी 15 किलोमीटर तक हुआ है। रामगंगा नदी पर पुल निर्माणाधीन है। इस रोड पर 30 से अधिक पुलिया और 11 अंडरपास बनेंगे। एक अंडरपास का काम पूरा हो गया है।

सात अंडरपास पर काम चल रहा है। रिंग रोड के लिए अमरोहा जिले के औरंगाबाद, सिरसा मोहन की 13 हेक्टेयर और मुरादाबाद के 32 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई है। यह रिंग रोड मूंढापांडे राष्ट्रीय राजमार्ग से शुरू होकर कुंदरकी रोड, संभल रोड, दिल्ली रोड, कैंलसा रोड, अगवानपुर बाईपास, दिल्ली हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग को पार करते हुए रामगंगा नदी को पार करेगा।

काशीपुर रोड को पार कर मुरादाबाद रामपुर हाईवे पर जाकर रिंग रोड समाप्त होगा। रिंग रोड का निर्माण करने के लिए शासन ने 655 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। मुआवजे और वन विभाग का बजट निर्माण से अलग है। रिंग रोड निर्माण की कुल लागत 12 हजार करोड़ होने का अनुमान है। शासन ने डेढ़ साल की निर्धारित अवधि में काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

फोरलेन बाईपास निर्माण का काम जारी
उत्तराखंड से मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) को जोड़ने वाला मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा मार्ग अति महत्वपूर्ण है। इस सड़क की लंबाई 38 किमी हैं। इसमें 21 किलोमीटर का बाईपास बनेगा। सिर्फ 17 किलोमीटर रोड को डबल लेन से फोरलेन बनाना है। यह रोड को भी 2025 में निर्मित करने का एनएचएआई ने लक्ष्य निर्धारित किया है।

दरियापुर गांव आजादी के बाद से सड़क से कटा रहा
आजादी के 76 साल बाद भी दरियापुर को सड़क और पुल नहीं मिला था। बरसात के समय बच्चे पानी में तैरकर स्कूल जाते थे। जन प्रतिनिधियों के प्रयास से पिछले साल गांव को सबल बनाने के लिए सड़क और पुल की मंजूरी के साथ धन आवंटित हो गया है। लोनिवि ने आधी सड़क पर मिट्टी और गिट्टी डालने के बाद छोड़ दिया है।

रामगंगा नदी पर 85.12 मीटर लंबा पुल निर्माणाधीन है। कांठ तहसील के दरियापुर गांव को जोड़ने के लिए चार किलोमीटर सड़क और बूढ़ी रामगंगा नदी पर 58.12 मीटर लंबे पुल का निर्माण करने के लिए 910.66 लाख रुपये का प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग ने शासन को भेजा था।

करीब डेढ़ साल के मंथन के बाद नाबार्ड ने प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सड़क और पुल निर्माण के लिए 874.81 लाख रुपये की मंजूरी दी गई। पहली किस्त के रूप में 344.64 लाख रुपये की राशि भेजी गई है। चार किलोमीटर सड़क और पुल की मांग को लेकर दरियापुर के ग्रामीणों ने कई दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था।

अंत में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने उनकी आवाज सुनीं। तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के प्रयास से पुल और सड़क को शासन से धन की स्वीकृति मिली।

Check Also

1 जुलाई से लागू होंगे तीन नए आपराधिक कानून

उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू होंगे। …