Sunday , May 19 2024

दिल्ली यूनिवर्सिटी: एसओएल का 62वें स्थापना दिवस पर तोहफा, इन छात्राओं को मिलेगा फायदा

वर्ष 1962 में स्थापित हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के दूरस्थ एवं सतत शिक्षा विभाग, मुक्त शिक्षण विद्यालय (एसओएल) ने अपने 62 वें स्थापना दिवस पर महिला विद्यार्थियों को तोहफा दिया है। अब एसओएल (स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग) में 8.5 सीजीपीए लाने वाली महिला विद्यार्थियों की एसओएल की फीस माफ कर दी जाएगी। हालांकि उन्हें डीयू की परीक्षा फीस और यूनिवर्सिटी फंड का भुगतान करना होगा।

डीयू के एसओएल ने सोमवार को अपना 62 वां स्थापना दिवस विश्वविद्यालय के कन्वेंशन हॉल में मनाया। विकसित भारत के निर्माण में मुक्त शिक्षा का योगदान थीम के साथ आयोजित इस समारोह में उपराष्ट्रपति एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जगदीप धनखड़ बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि शिक्षा उस ताले की कुंजी है जिसके माध्यम से प्रगति के दरवाजे खुलते हैं। शिक्षा समाज में सबसे बड़े बदलाव का केंद्र है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन शिक्षा पद्धति में दो खासियत हैं, औपचारिक शिक्षा और अनौपचारिक शिक्षा। गुरुकुल औपचारिक शिक्षा के माध्यम थे तो परिवार अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम थे। आज ये काम संस्थागत तरीके से एसओएल कर रहा है।

कुलाधिपति ने कहा हमें याद रखना चाहिए कि विफलता किसी चीज का नाम नहीं है। विफलता में सफलता की कुंजी देखें। डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि दिल्ली में 60 फीसदी सीए एसओएल के विद्यार्थी हैं। बहुत से वकील, सिविल सर्वेंट, शिक्षक और राजनेता भी यहां के विद्यार्थी रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि वर्ष 1962 में एसओएल को मानविकी व कॉमर्स कोर्सेज के साथ शुरू किया गया था। तब यहां 900 विद्यार्थी थे। अब करीब 4 लाख विद्यार्थी 17 से अधिक कोर्सेज में पढ़ाई कर रहे हैं।

एसओएल की निदेशक प्रो पायल मागो ने इस अवसर पर महिला विद्यार्थियों की फीस माफ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 से एसओएल की जो भी महिला विद्यार्थी 8.5 सीजीपीए लाएंगी उनकी आगामी वर्ष की एसओएल की पूरी फीस माफ की जाएगी। मसलन यदि पहले वर्ष में 8.5 सीजीपीए आया तो दूसरे वर्ष की माफ होगी, दूसरे वर्ष में आया तो तीसरे वर्ष की और तीसरे वर्ष में आने पर चौथे वर्ष की फीस माफ हो जाएगी।

तीन छात्राओं को किया गया पुरस्कृत
स्थापना दिवस समारोह के दौरान एसओएल के तीन विद्यार्थियों को उपराष्ट्रपति ने सम्मानित किया। इनमें बीए लाइब्रेरी साइंस में दिल्ली विश्वविद्यालय की टॉपर रही पायल सिंह, एमए राजनीति विज्ञान की टॉपर नैन्सी गोयल को प्रमाणपत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया गया। इनके अलावा अर्जुन पुरस्कार विजेता छात्रा दीक्षा डागर को भी सम्मानित किया गया।

Check Also

एक जून से पर्यटकों के लिए खुलेगी फूलों की घाटी

विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए इस वर्ष एक जून को खोल दी …