Tuesday , May 21 2024

कोरोना का पहला सिक्वेंस डिकोड करने वाले चीनी विज्ञानी के लैब से निकाला

चीन में कोरोना वायरस का सिक्वेंस को डिकोड करने वाले पहले विज्ञानी को उनकी लैब से बाहर निकाल दिया गया है। विषाणु विज्ञानी झांग योंगझेन ने जनवरी 2020 में कोरोना का सिक्वेंस डिकोड किया था। यह कदम दिखाता है कि चीन की सरकार विज्ञानियों पर लगातार दबाव बना रही है ताकि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से निपटने के उसके तरीके की समीक्षा नहीं हो सके।

चीन में कोरोना वायरस का सिक्वेंस को डिकोड करने वाले पहले विज्ञानी को उनकी लैब से बाहर निकाल दिया गया है। इसके विरोध में उन्हें धरने पर बैठना पड़ा है। विषाणु विज्ञानी झांग योंगझेन ने जनवरी 2020 में कोरोना का सिक्वेंस डिकोड किया था। यह कदम दिखाता है कि चीन की सरकार विज्ञानियों पर लगातार दबाव बना रही है ताकि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से निपटने के उसके तरीके की समीक्षा नहीं हो सके।

विषाणु विज्ञानी झांग योंगझेन ने सोमवार को आनलाइन पोस्ट में लिखा कि उन्हें तथा उनकी टीम को पता चला कि उन्हें उनकी प्रयोगशाला से बाहर निकाला जा रहा है। झांग ने चीनी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ‘वीबो’ पर यह पोस्ट लिखा था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया।

शंघाई पब्लिक हेल्थ क्लिनिकल सेंटर ने ऑनलाइन बयान में कहा कि झांग की लैब को सुरक्षा कारणों से इसे बंद किया गया है। उन्हें वैकल्पिक प्रयोगशाला मुहैया कराई गई है। लेकिन झांग ने लिखा कि उनकी टीम को उनके निष्कासन की सूचना मिलने तक कोई विकल्प नहीं दिया गया था।

चीनी शोधकर्ताओं को देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई
दरअसल चीन नहीं चाहता कि कोरोना के प्रकोप के शुरुआत किस तरह हुई इस बारे में दुनिया को पता चले। उसने इस बारे में शोध कर रहे विज्ञानियों के प्रयोगशालाओं को बंद करवा दिया है। विदेशी विज्ञानियों को देश से बाहर कर दिया है। चीनी शोधकर्ताओं को देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है।

झांग की चुनौतियां तब शुरू हुईं जब उन्होंने और उनकी टीम ने पांच जनवरी, 2020 को वायरस को डिकोड किया और चीनी अधिकारियों को इसके फैलने की आशंका को लेकर चेताया। हालांकि वायरस के सिक्वेंस को सार्वजनिक नहीं किया। अगले दिन चीन के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने झांग की प्रयोगशाला को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया गया।

चीन से सिक्वेंस जारी करने का आह्वान किया
विदेशी विज्ञानियों को जल्द ही पता चला कि झांग और अन्य चीनी विज्ञानियों ने वायरस को समझ लिया है और उन्होंने चीन से सिक्वेंस जारी करने का आह्वान किया। सरकार से अनुमति न होने के बावजूद, झांग ने इसे 11 जनवरी, 2020 को प्रकाशित किया। परीक्षण, रोग नियंत्रण उपायों और टीकाकरण के लिए वायरस के सिक्वेंस का पता लगाना जरूरी होता है।

झांग के सहयोगी और सिडनी विश्वविद्यालय में विषाणु विज्ञानी होम्स के अनुसार, सिक्वेंस के प्रकाशन के बाद से झांग को परेशान किया जा रहा है। उन्हें चाइनीज सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन से निकाल दिया गया।

Check Also

उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक लू का कहर

देश की राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर समेत पंजाब और राजस्‍थान के कुछ हिस्‍सों में भीषण …