इस परियोजना को जून 2025 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ऑलवेदर रोड परियोजना के दूसरे चरण में इस महत्वाकांक्षी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। जिला मुख्यालय में ऋषिकेश-बदरीनाथ व रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग को जोड़ने के लिए निर्माणाधीन 910 मीटर लंबी सुरंग दीपावली पर्व पर आरपार कर दी जाएगी। कार्यदायी संस्था की ओर से सुरंग के दोनों छोर पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। साथ ही इस पुल को दोनों हाईवे से जोड़ने के लिए अलकनंदा नदी पर 200 मीटर लंबे पुल निर्माण के लिए एबेडमेंट खुदाई अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस परियोजना को जून 2025 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ऑलवेदर रोड परियोजना के दूसरे चरण में इस महत्वाकांक्षी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। बीते वर्ष तीन दिसंबर को कार्यदायी संस्था ने भूमि पूजन के साथ सुरंग का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। 910 मीटर लंबी सुरंग में से अभी तक 850 मीटर खुदाई हो चुकी है। सुरंग के बनने से गौरीकुंड हाईवे का बदरीनाथ हाईवे से जहां सीधा संपर्क हो जाएगा। वहीं, केदारनाथ तिराहे से बेलणी पुल तक यात्राकाल व अन्य समय पर लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी।
खास बात है कि सुरंग व पुल बनने से अगस्त्यमुनि ब्लॉक के तल्लानागपुर, धनपुर, रानीगढ़ पट्टी के गांवों का गौरीकुंड राजमार्ग से सीधा संपर्क हो जाएगा। साथ ही जखोली ब्लॉक के भरदार सहित केदारघाटी के लोगों की जिला कार्यालय, विकास भवन, सीएमओ कार्यालय तक आवाजाही सुलभ हो जाएगी। यह सुरंग पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगी।
बीआरओ ने 2008-09 में तैयार किया प्रस्ताव जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में यात्राकाल में लगने वाले जाम व सुरक्षित यातायात को लेकर बीआरओ ने वर्ष 2008-09 में सुरंग निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा था। वर्ष 2016 में सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने मंजूरी दी। इसके बाद तीन चरणों में सुरंग निर्माण का सर्वेक्षण किया गया। सर्वे की रिपोर्ट पर वर्ष 2019 में भारत सरकार ने सुरंग निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए इसे ऑलवेदर रोड परियोजना के दूसरे चरण में शामिल किया। साथ ही सुरंग और अलकनंदा नदी पर पुल निर्माण के लिए 200 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति भी दी। जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद अंतिम डीपीआर के आधार पर सुरंग व पुल निर्माण का बजट 156 करोड़ कर दिया गया।
बेलणी पुल से दबाव होगा कम सुरंग और पुल के निर्माण से केदारघाटी व केदारनाथ को जोड़ने वाले बेलणी पुल से भी वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। वर्तमान में इसी पुल से केदारनाथ यात्रा का संचालन हो रहा है, लेकिन पुल काफी जर्जर है, जिससे भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगी है। एनएच द्वारा पुल की मरम्मत की गई है। आगामी समय में इसकी भार क्षमता भी बढ़ाई जानी है।
910 मीटर लंबी सुरंग को दीपावली पर आरपार कर दिया जाएगा। अभी तक दोनों छोर से 850 मीटर खुदाई हो चुकी है। साथ ही अलकनंदा नदी पर पुल निर्माण के लिए एंबेडमेंट की खुदाई भी अंतिम चरण में चल रहा है। पुल का निर्माण जून 2025 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।