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इस्राइल हमास युद्ध: इस्राइल के ओली ने बयां की पीड़ा, कई साल पहले भारत आकर बदली थी पहचान

इस्राइल और हमास के बीच जारी जंग में लाखों बेगुनाह लोगों को पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है। इस्राइल के ओली ने इस युद्ध को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। भारत की ओर से इस्राइल को मिले समर्थन की ओली ने सराहना की। ओली का उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से खास कनेक्शन है।

इस्राइल और हमास के बीच जारी जंग को इस्राइल के ओली ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वर्तमान में मध्य अमेरिका के कोस्टारिका में रह रहे स्वामी काशीकानंद (ओली) का कहना है कि इस्राइल ने कई बार समस्या के समाधान के लिए प्रयास किए लेकिन यह समस्या बढ़ती चली गई।

इस्राइल के ओली उत्तरकाशी में सन्यास ग्रहण कर स्वामी काशीकानंद बन गए। वे 2000 के बाद से कई बार उत्तरकाशी आ चुके हैं। वर्तमान में मध्य अमेरिका के कोस्टारिका में रह रहे स्वामी काशीकानंद ने इजराइल और हमास के बीच युद्ध को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

इस्राइल के किबूत्ज में जन्मे 50 वर्षीय ओली ने कंप्यूटर साइंस और प्रबंधन की पढ़ाई की है। उन्होंने 1997 में इजराइल के तेल अवीव में ही योग अभ्यास किया था जिसके बाद 2000 में वह पहली बार भारत आए और स्वामी चैतन्य नंदा से काफी प्रभावित हुए। 2003 में स्वामी चैतन्य नंदा के निधन के बाद उन्होंने सन्यास ग्रहण किया। इसके बाद उनके गुरु मुक्तानंद ने उनकाे स्वामी काशीकानंद नाम दिया।

लाखों बेगुनाह लोगों को पीड़ा से गुजरना पड़ रहा
पाटा संग्राली स्थित चैतन्य तपोवन आश्रम से जुड़ाव के चलते उनका यहां आना-जाना लगा रहता है। दूरभाष पर स्वामी काशीकानंद ने कहा कि युद्ध से दोनों पक्ष के लाखों बेगुनाह लोगों को पीड़ा से गुजरना पड़ता है।

इजराइल ने कई बार समस्या के समाधान के लिए प्रयास किए लेकिन यह समस्या बढ़ती चली गई। उन्होंने युद्ध में भारत के इजराइज का समर्थन करने की प्रशंसा की। कहा कि भारत और इस्राइल में कई समानताएं हैं।

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