Sunday , May 19 2024

चक्रवात बिपरजॉय के कारण देश में मॉनसून आने में हो सकती है देरी…

चक्रवात बिपरजॉय भारत के इतिहास में सबसे लंबी अवधि का चक्रवात था। इसके फीके पड़ने के बाद भी इसका असर कुछ और दिनों तक महसूस किया जा सकता है। चक्रवात के कारण गुजरात के पश्चिमी तट और इससे सटे राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश हुई है। आने वाले दिनों में इसके कारण उत्तर पश्चिम भारत के विभिन्न हिस्सों में बारिश होगी। आपको बता दें कि देश के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून के आने में देरी हो सकती है। इसका कारण चक्रवात को बताया जा रहा है। आईएमडी के अनुसार, मॉनसून आने से पहले चक्रवात का बनना कोई असामान्य घटना नहीं है। इस साल, बिपरजॉय लगभग एक साथ अस्तित्व में आया जब मॉनसून केरल तट से टकराने वाला था। आम तौर पर मॉनसून की शुरुआत के दौरान अरब सागर में चक्रवात देश में मॉनसून के लिए अच्छा नहीं माना जाता है,  क्योंकि यह हवा के पैटर्न को बदलता है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया, “चक्रवात बिपरजॉय 6 जून को एक चक्रवाती तूफान बन गया और शुरुआत में इसने मॉनसून को केरल और आसपास के क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद की। यह शुरुआती दिनों में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए फायदेमंद था, लेकिन जब यह उत्तर की ओर बढ़ा तो यह लाभ समाप्त हो गया।” चक्रवात बिपरजॉय ने अरब सागर में हवा की ताकत को बिगाड़ दिया और यहां तक कि जमीन पर हवा की दिशा को भी प्रभावित किया। मॉनसून को आगे बढ़ने और बारिश के लिए उच्च समुद्री सतह के तापमान और नमी की भी आवश्यकता होती है। गहरे अवसाद में कमजोर होने के बाद भी बिपराजॉय का प्रभाव कम से कम 2-3 दिनों तक जारी रहेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, देश के शेष हिस्सों में मॉनसून का आगमन 21 जून से होगा। 11 जून के बाद मॉनसून स्थिर है। इस दिन यह कोंकण और तटीय महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में पहुंचा।

Check Also

19 मई का राशिफल

दैनिक राशिफल ग्रह-नक्षत्र की चाल पर आधारित फलादेश है, जिसमें सभी राशियों (मेष, वृष, मिथुन, …