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बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री की जमानत याचिका की सुनवाई 21 फरवरी को करने की कही बात..

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूछा कि क्या एनसीपी नेता नवाब मलिक प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रवधानों के आधार पर बीमार व्यक्ति है और क्या इस आधार पर जमानत के हकदार हैं।

21 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

जस्टिस एमएस कार्णिक की बैंच ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री की जमानत याचिका की सुनवाई के लिए 21 फरीवरी की तारीख दी है और कहा कि वकीलों को पहले अदालत को इस बात से संतुष्ट करना होगा कि मलिक की तबियत खराब है। इसलिए चिकित्सकीय आधार पर जमानत मांगी गई है। मलिक को 23 फरवरी 2022 को भगोड़े गैंगस्टर दाउद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से संबंध के चलते पीएमएलए के प्रावधानों के तहत ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

जस्टिस कार्णिक ने कहा- किसे माना जाए बीमार

जस्टिस कार्णिक ने कहा कि यदि मैं चिकित्सकीय आधार पर संतुष्ट नहीं होता तो मलिक को अपनी बारी का इंतजार करना होगा। अन्य बहुत से अत्यावश्यक मामले मौजूद हैं। मैं नहीं चाहता कि कोई कुछ कहे। बेंच ने मलिक के वकील अमित देसाई और ईडी की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह से इस बात पर भी तर्क देने के लिए कहा कि पीएमएलए के प्रावधानों के आधार पर किसी बीमार व्यक्ति माना जाएगा।

दोहरी शर्तें रखता है एक्ट

बता दें कि पीएमएलए की धारा 45 जमानत देने के लिए दोहरी शर्तें रखती है। पहली तो यह कि प्रथम दृष्टया यह विश्वास हो कि आरोपी ने अपराध नहीं किया है और दूसरी यह कि जमानत के दौरान आरोपी किसी तरह का अपराध नहीं करेगा। इस स्थितियों का निर्धारण अदालत को करना होता है। ये दोहरी शर्तें 16 साल से कम उम्र वाले आरोपी, महिला, बीमार या अशक्तों पर लागू नहीं होतीं और फिर उन्हें जमानत पर रिहा किया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस कार्णिक ने कहा

जस्टिस कार्णिक ने कहा कि चुंकि हाल के दिनों में ऐसे बहुत से आरोपी आते हैं जो कहते हैं कि हमें जमानत दी जाए, क्योंकि हम बीमार हैं। इस पर मेरे कुछ सवाल हैं। इसलिए मैं जानना चाहता हूं कि बीमार व्यक्ति कौन है। मैं बीमार व्यक्ति पर आपके तर्क चाहता हूं कि किसे बीमार व्यक्ति माना जाए। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि उन्होंने कोर्ट को बताया कि मलिक बीमार व्यक्ति नहीं है और इस आधार पर उनपर एक्ट की दोहरी शर्तें लागू होंगी और उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती। बेंच ने कहा कि वो मलिक की याचिका पर 21 फरवरी को सुनवाई करेगी।

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