Thursday , January 2 2025

आतंकवादियों की चुनौतियों को ज्यादा गंभीरता से लिये जाने की जरूरत है- जयशंकर

पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बिंदु बताने वाले विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा है कि वह इससे भी ज्यादा सख्त शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं। जयशंकर ने आस्टि्रया के राष्ट्रीय टीवी चैनल के एक बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और साथ ही आतंकवाद के खतरे की गंभीरता को नहीं समझने के लिए यूरोपीय देशों समेत पूरी दुनिया की मानसिकता को कठघरे में खड़ा किया। भारतीय विदेश मंत्री ने हाल के दिनों में कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों से पाकिस्तान सरकार की तरफ से आतंकवाद को मिलने वाले समर्थन का मुद्दा उठाया है।
संयुक्त राष्ट्र के मंच से भी भारत ने पिछले महीने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को घेरा था। जयशंकर से यह पूछा गया कि वह बार बार पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बिंदु क्यों करार देते हैं और क्या यह कूटनीतिक लहजे से सही है तो जयशंकर ने यह जवाब दिया कि, “आप डिप्लोमेट हैं इसका यह मतलब नही है कि आप सच नहीं बोले। मैं आतंकवाद के केंद्र बिंदु से भी ज्यादा कठोर शब्दों का इस्तेमाल कर सकता हूं। आप भरोसा कीजिए कि भारत ने जो सहन किया है उसे देखते हुए यह शब्द बहुत ही नम्र है। यह (पाकिस्तान) वह देश है जिसने भारत के संसद पर हमले करवाये, जिसने मुंबई शहर पर हमले करवाये, होटलों व विदेशी पर्यटकों पर हमले करवाये, यह देश लगातार सीमा पार आतंकियों को भेजता है। ” जयशंकर के इस जवाब पर कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता ने यह दलील दी कि पाकिस्तान एक देश के तौर पर तो आतंकवाद का प्रसार नहीं करता, इस पर जयशंकर का जवाब था, अगर आपके पास संप्रभु क्षेत्र है लेकिन वहां सभी के सामने आतंकी कैंप चलाये जाते हैं, आतंकियों की सेना जैसा प्रशिक्षण दिया जाता है व उनकी भर्ती होती है तो क्या आप यह कहना चाहते हैं कि पाकिस्तान सरकार को नहीं मालूम है कि वहां क्या हो रहा है। इसके बाद जयशंकर से यह पूछा गया कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो सकता है तो उन्होंने जवाब दिया कि दुनिया को आतंकवाद को लेकर ज्यादा गंभीर होने की जरूरत है। यह स्वीकार करना होगा कि आतंकवाद जारी है और इससे मुंह नहीं चुराया जा सकता। सामान्य तौर पर दुनिया यह सोचती है कि यह कहीं और हो रहा है और यह उनकी समस्या नहीं है। आतंकवादियों की चुनौतियों को ज्यादा गंभीरता से लिये जाने की जरूरत है। बताते चलें कि एक दिन पहले ही जयशंकर ने आस्टि्रया के विदेश मंत्री के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया था।

चीन नहीं करता समझौते का सम्मान

जयशंकर ने इस कार्यक्रम में चीन पर आरोप लगाया कि वह भारत के साथ पूर्व में किये गये समझौते का सम्मान नहीं करता। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच यह समझौता है कि वो अपनी सीमाओं (वास्तविक नियंत्रण रेखा-एलएसी) पर भारी संख्या में सेना का जमावड़ा नहीं करेंगे और एक पक्ष अपनी तरफ से एलएसी में कोई बदलाव नहीं करेगा। लेकिन चीन ने इसका उल्लंघन किया है। इसकी वजह से आज दोनो देशों के बीच सीमा पर तनाव फैला हुआ है। इसके बाद जयशंकर से यह पूछा गया कि चीन भी तो यहीं कह सकता है कि भारत ने उक्त समझौतों का उल्लंघन किया है तो उन्होंने कहा कि सैटेलाइट तस्वीरों से यह पता लगाना आसान है कि एलएसी पर किस देश ने अपनी सेना को पहले तैनात किया है। चीन के लिए ऐसा दावा करना मुश्किल है। यूरोपीय देश भारत से छह गुणा ज्यादा रूसी तेल खरीदते हैंउक्त कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता ने भारतीय विदेश मंत्री को रूस से तेल खरीदने की भारतीय नीति पर भी घेरने की कोशिश की इसका जवाब उन्होंने दिया कि, फरवरी, 2022 के बाद से भारत ने रूस से जितनी तेल की खरीद की है उससे छह गुणा ज्यादा तेल यूरोपीय देशों ने रूस से खरीदी है।

Check Also

देश के दूसरे सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज पर पहला ट्रायल पूरा, केबल आधारित पहला पुल है अंजी खड्ड ब्रिज

Anji Khad Bridge First Train Trail Run Completed: जम्मू कश्मीर में बनने वाला देश के …