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फिर चढ़ेगा UP का सियासी पारा, थोड़ी देर में होगा उपचुनाव की तारीखों का एलान; क्यों खाली हुईं थी ये 10 सीटें

 

उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान आज हो सकता है। चुनाव आयोग झारखंड और महाराष्ट्र के साथ-साथ यूपी विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का भी एलान कर सकता है। इन 10 सीटों पर सभी पार्टियों की नजर है। साथ ही यह चुनाव 2027 का सेमिफाइन भी माना जा रहा है। जानिए क्यों खाली हुई थीं ये 10 सीटें?

 उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिसकी तैयारियां सभी पार्टियों ने जोरो-शोरों से शुरू कर दी थी। आज चुनाव आयोग झारखंड और महाराष्ट्र के साथ-साथ यूपी विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का भी एलान कर सकता है।

प्रदेश की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उसमें कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, मैनपुरी की करहल, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुरादाबाद की कुंदरकी और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट शामिल है।

क्यों होना है इन सीटों पर उपचुनाव?

मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के कारण खाली हुई थी। अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट सांसद की सदस्यता ग्रहण की थी।

कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से विधायक इरफान सोलंकी को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए, उन्हें सजा सुनाई थी। जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इस विधानसभा सीट के मतदाताओं को भी अपने विधायक की तलाश है।

मिल्कीपुर सीट पर होना है उपचुनाव

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है। इस सीट से अवधेश प्रसाद विधायक थे। सांसद बनने के बाद उन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद इस सीट पर अब उपचुनाव होना है।

वहीं अंबेडकरनगर की कटेहरी विधानसभा सीट से लाल वर्मा ने सांसद बनने से बाद अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे।

गाजियाबाद विधानसभा सीट से अतुल गर्ग को भाजपा ने सांसद का टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद सांसद पद की सदस्यता लेकर विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।

संभल की कुंदरकी विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है। सांसद बनने के बाद जियाउर्ररहमान ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया।

फूलपुर सीट से प्रवीण पटेल ने दिया था इस्तीफा

प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने 2022 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। सांसद बनने के बाद प्रवीण पटेल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से रालोद के चंदन चौहान के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई थी।

खैर विधानसभा क्षेत्र से अनूप प्रधान लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे। प्रदेश सरकार ने इन्हें राजस्व राज्यमंत्री का पद आवंटित किया था, मगर पिछले दिनों लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन्हें हाथरस विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया। इसमें इन्होंने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की।

खैर के विधायक पद से दिया था इस्तीफा

ऐसे में अनूप वाल्मिकी ने कुछ दिनों बाद खैर के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में खैर विधानसभा क्षेत्र में विधायक का पद रिक्त हो गया। अब अगले कुछ दिनों में इस विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना है।

इन सीटों पर होना है उपचुनाव

विधासनभा सीट 2022 में जीते प्रत्याशी का नाम जिला
करहल अखिलेश यादव (सपा) मैनपुरी
खैर अनूप वाल्मीकी (भाजपा) अलीगढ़
मीरापुर चंदन चौहान (रालोद) मुजफ्फरनगर
मंझवा डॉ. विनोद कुमार सिंह (भाजपा) मिर्जापुर
गाजियाबाद अतुल गर्ग (भाजपा) गाजियाबाद
कटेहरी लालजी वर्मा (सपा) अंबेडकरनगर
कुंदरकी जियाउर्ररहमान (सपा) संभल
मिल्कीपुर अवधेश प्रसाद (सपा) फैजाबाद
फूलपुर प्रवीण पटेल (भाजपा) प्रयागराज
सीसामऊ इरफान सोलंकी (सपा) कानपुर

 

सपा ने घोषित किए प्रत्याशी

समाजवादी पार्टी ने 10 विधानसभा सीटों में से छह सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने करहल सीट से तेजप्रताप को उतारा है। वहीं सीसामऊ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट दिया है। वहीं मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद को टिकट दिया है।

सपा ने अयोध्या से अवधेश प्रसाद को बनाया उम्मीदवार

अखिलेश यादव ने फूलपुर विधानसभा सीट से मुस्तफा सिद्दीकी को, कटेहरी विधानसभा सीट से शोभावती वर्मा को और मझंवा सीट से डॉ. ज्योति बिंद को मैदान में उतारा है। वहीं विधानसभा उपचुनाव के लिए सबसे चर्चित सीट मिल्कीपुर पर अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर भरोसा जताया है। बता दें अजीत प्रसाद को टिकट मिलने की अटकलें काफी पहले से ही लगाई जा रही थी।

वहीं भारतीय जनता पार्टी की हाई कमान बैठक में पार्टी ने निर्णय लिया कि 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में नौ सीटों पर वह खुद चुनाव लड़ेगी। जबकि एक सीट एनडीए गठबंधन की सहयोगी पार्टी रालोद को देगी। जल्द ही भाजपा भी अपने उम्मीदवारों का एलान कर सकती है।

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