भारतीय नौसेना का स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट आइएनएस शिवालिक द्विपक्षीय जापान-भारत समुद्री अभ्यास के आठवें संस्करण में भाग लेने के लिए जापान के योकोसुका पहुंच गया है।
नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जापान-भारत समुद्री अभ्यास जिमेक्स 24 एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने का अवसर प्रदान करने के साथ आपसी सहयोग को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके साथ ही हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए भारतीय नौसेना और जापान समुद्री आत्मरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) के बीच परिचालन संबंधी सुविधा प्रदान करता है।
अधिकारियों ने बताया कि जहाज का वाइस एडमिरल इटो हिरोशी, कमांडर जेएमएसडीएफ योकोसुका जिला और जापान में भारत के राजदूत सिबी जार्ज ने गर्मजोशी से स्वागत किया। भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएनएस शिवालिक कर रहा है और जेएमएसडीएफ का प्रतिनिधित्व गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर जेएस युगिरी द्वारा किया जा रहा है।
दोनों नौसेनाओं के इंटीग्रल हेलीकॉप्टर भी संयुक्त अभ्यास में भाग लेंगे। इस अभ्यास में बंदरगाह और समुद्री दोनों चरण शामिल हैं। स्टील्थ फ्रिगेट उस अत्याधुनिक युद्धक पोत को कहते हैं जो तेज गति से चलता है और इसकी गतिविधियों को रडार द्वारा पकड़ना कठिन होता है।
रूसी युद्धपोत ने क्यूबा के रास्ते में अटलांटिक में किया सैन्य अभ्यास
क्यूबा जाने के रास्ते में रूसी युद्धपोतों ने अटलांटिक महासागर में सैन्य अभ्यास किया। सेना ने मंगलवार को यहा जानकारी दी। समझा जा रहा है मौजूदा तनावपूर्ण हालात के बीच रूस ने पश्चिमी देशों को सख्त संदेश देने के लिए अमेरिकी तट के करीब अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एडमिरल गोर्शकोव फ्रिगेट और कजान परमाणु-संचालित पनडुब्बी ने इस सैन्य अभ्यास में भाग लिया। इसका उद्देश्य दुश्मन जहाजों के समूह पर मिसाइल हमले का ‘अनुकरण’ करना था। मंत्रालय ने कहा कि सैन्य अभ्यास में 600 किलोमीटर से अधिक दूर स्थित समुद्री लक्ष्यों पर हमले का कंप्यूटर सिमुलेशन शामिल था।
एडमिरल गोर्शकोव नई जिरकान हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस है। इस हथियार को रूसी क्रूजर, फ्रिगेट और पनडुब्बियों से लैस करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका इस्तेमाल दुश्मन के जहाजों और जमीनी लक्ष्यों दोनों के खिलाफ किया जा सकता है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जिरकोन को एक शक्तिशाली हथियार बताया है। यह 1,000 किलोमीटर की दूरी पर ध्वनि की गति से नौ गुना तेज उड़ान भरकर किसी भी मौजूदा एंटी-मिसाइल सुरक्षा को भेदने में सक्षम है।एडमिरल गोर्शकोव और कजान हवाना की यात्रा पर दो सहायक जहाजों के साथ पहुंच रहे हैं। क्यूबा के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूसी युद्धपोत बुधवार से 17 जून के बीच हवाना में रहेंगे।