विश्व में अपने दुष्प्रचार अभियान को तेज करने के लिए चीन ने इन्फार्मेशन सपोर्ट फोर्स (आइएसएफ) के गठन की घोषणा की है। यह फोर्स उसके प्रचार युद्ध में मुख्य भूमिका अदा करेगी। राष्ट्रपति चिनफिंग के पास चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रमुख का पद भी है। चिनफिंग ने आइएसएफ के गठन की घोषणा करते हुए उसके प्रतीक वाला ध्वज फोर्स के कमांडर को सौंपा।
चीन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को इन्फार्मेशन सपोर्ट फोर्स (आइएसएफ) के गठन की घोषणा की। यह फोर्स चीन की सेना- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की एक शाखा होगी। चिनफिंग ने कहा है कि यह फोर्स पीएलए की रणनीतिक शाखा होगी और यह विश्व की सबसे बड़ी सेना के एक स्तम्भ की तरह कार्य करेगी।
चीनी सेना के सर्वोच्च कमांडर हैं चिनफिंग
जाहिर है कि इस फोर्स के जरिये चीन विश्व में अपने दुष्प्रचार अभियान को तेज करेगा और यह फोर्स उसके प्रचार युद्ध में मुख्य भूमिका अदा करेगी। राष्ट्रपति चिनफिंग के पास चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रमुख का पद भी है। इसके चलते वह चीनी सेना के सर्वोच्च कमांडर हैं। इस नई फोर्स का गठन सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के एक निर्णय के तहत हुआ है। पार्टी के महासचिव का पद भी चिनफिंग के पास है। इस लिहाज से चीन की सत्ता के तीनों सर्वोच्च पद चिनफिंग के पास हैं।
यह नई फोर्स स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स
आइएसएफ के जरिये चीनी सेना अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए माहौल तैयार करेगी और इसके बाद जरूरत के अनुसार कार्रवाई करेगी। उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए यह नई फोर्स स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स (एसएसएफ) के नए संस्करण के रूप में कार्य करेगी। पीएलए की शाखा के रूप में एसएसएफ को 2015 में गठित किया गया था। चिनफिंग ने आइएसएफ के गठन की घोषणा करते हुए उसके प्रतीक वाला ध्वज फोर्स के कमांडर को सौंपा।
इस मौके पर राष्ट्रपति चिनफिंग ने उम्मीद जाहिर की कि आइएसएफ पीएलए की शाखा के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को उत्कृष्ट तरीके से निभाएगी। विदित हो कि चीन में पीएलए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के निर्देश पर कार्य करती है और पार्टी द्वारा निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति करती है। कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति निष्ठावान रहने के लिए सैनिक शपथ भी लेते हैं।
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