भारत में कल यानी 14 फरवरी को Basant Panchami का त्योहार मनाया जाएगा। विद्या की देवी मां सरस्वती की इस मौके पर पूजा की जाती है। पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं और पीले रंग का ही प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां सरस्वती को यह रंग बहुत प्रिय है। बसंत पंचमी के दिन जरदा पुलाव बनाने की भी खास परंपरा है।
बसंत ऋतु के आगमन के साथ मौसम सुहावना होने लगता है। मन खुशियों और उत्साह से भर जाता है। बसंत पंचमी, बसंत ऋतु में मनाया जाने वाला सबसे पहला त्योहार है। कल यानी 14 फरवरी को ये त्योहार मनाया जााएगा। इस दिन बुद्धि और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है। उत्तर भारत में खासतौर से इस त्योहार का उत्साह देखने को मिलता है। मां सरस्वती की पूजा में पीले रंग के कपड़े पहनते हैं, पीले रंग का भोग लगाते हैं। इस दिन जरदा पुलाव बनाने की भी खास परंपरा है। जरदा पुलाव खाने में जितना टेस्टी लगता है उतना ही बनाने में भी आसान होता है। आइए जानते हैं बसंत पंचमी पर जरदा पुलाव की रेसिपी।
क्या है जरदा पुलाव?
यह एक पारंपरिक डिश है, जिसे उबले हुए चावल, चीनी, ड्राई फ्रूट्स और पीला रंग डालकर बनाया जाता है। इसे जरदा भी कहा जाता है। जिसका मतलब ही पीला रंग होता है। बसंत पंचमी के अलावा शादी-ब्याह के मौके पर भी इसे स्वीट डिश के रूप में सर्व किया जाता है।
जरदा पुलाव बनाने के रेसिपी
सामग्री- 2 कप बासमती चावल ( दो घंटे पानी में भिगोए हुए), 2 तेज पत्ता, 4-5 हरी इलायची, 5-6 लौंग, 2 इंच दालचीनी का टुकड़ा, चुटकीभर येलो कलर, थोड़ा सा केसर दूध में भिगोया हुआ, 1/4 टेबलस्पून चिरौंजी, कप काजू, 4 टेबलस्पून किशमिश, 3 टेबलस्पून सूखे नारियल के स्लाइसेज, 4 टेबलस्पून घी, 100 ग्राम खोया, 1.5 कप संतरे का पल्प, थोड़ा सा नींबू, आवश्यकतानुसार गुड़ |
विधि
चावल को 90 प्रतिशत तक पका लें।
– एक कड़ाही में घी डालें। इसमें तेज पत्ता, दालचीनी, लौंग, इलायची, काजू, चिरौंजी, नारियल, किशमिश डालकर चलाकर तुरंत गुड़ डाल दें।
– अब इसे थोड़ी देर पकाएं। चावल डालकर एक बार फिर चलाएं। अब फूड कलर और केसर डालकर मिलाएं। खोया कद्दूकस करके डालें।
– अब संतरे का छिलका और नींबू का रस डालकर चलाकर गैस बंद कर दें। अब इसे बाउल में निकालकर सर्व करें।
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