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आजम खां : पड़ोसी पर हमले में आज आ सकता है फैसला

सपा नेता आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला समेत चार लोगों के खिलाफ दर्ज पड़ोसी पर जानलेवा हमले के मामले में शनिवार को फैसला आ सकता है। फैसले के समय आजम खां और अब्दुल्ला आजम भी कोर्ट में मौजूद रहेंगे। उन्हें सीतापुर और हरदाई जेल से लाया जाएगा। मामले में आजम के भाई शरीफ अहमद और भतीजे बिलाल खां भी आरोपी हैँ।       

गंज थाना क्षेत्र में जेल रोड निवासी मोहम्मद अहमद ने 2019 में सपा नेता आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, भाई शरीफ अहमद व भतीजे बिलाल खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें घर में घुसकर जानलेवा हमला करने, रंगदारी मांगने और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया था। आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।            

पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीर्ट कोर्ट में दाखिल की गई थी। मामले में सभी आरोपी जमानत पर चल रहे हैं। केस की सुनवाई एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चल रही है। इसमें अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है। शासकीय अधिवक्ता अमित सक्सेना ने बताया कि इस मामले में शनिवार को कोर्ट फैसला सुना सकती है।             

अभियोजन ने पेश किए सात गवाह         

सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से मुकदमे के वादी मोहम्मद अहमद, मोहम्मद इस्माइल, यासिर अली खां, मेडिकल परीक्षण करने वाले डाॅ. जावेद, एफआईआर लेखक हेड कांस्टेबल चंदकी राम, विवेचक एसएसआई कृष्ण किशोर मिश्रा व अजय कुमार गवाह के रूप में कोर्ट में पेश हुए। वहीं सपा नेता आजम खां की ओर से अपने बचाव में केवल दो गवाह ही पेश किए। सजा के बाद पहली बार कोर्ट में पेश होंगे आजमबेटे के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में सजा काट रहे सपा नेता आजम खां 18 अक्तूबर से सीतापुर जेल में बंद हैं। वहीं अब्दुल्ला आजम हरदोई और तजीन फात्मा रामपुर जेल में बंद हैं। 18 अक्तूबर के बाद से आजम खां रामपुर कोर्ट नहीं पहुंचे हैं। शनिवार को वे रामपुर पहुंचेंगे। कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। वहीं अब्दुल्ला को हरदोई जेल से कोर्ट लाया जाएगा।            

अपील पर भी आज आ सकता है फैसला               

सात साल की सजा के खिलाफ दायर आजम खां के परिवार की अपील पर भी शनिवार को फैसला आ सकता है। अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में आजम खां, अब्दुल्ला आजम और तजीन फात्मा को सात-सात की सजा हुई है। उनकी अपील पर सेशन कोर्ट शनिवार को अपना फैसला सुना सकती है। शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अमित सक्सेना और एडीजीसी कुमार सौरभ ने बताया कि दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई है। शनिवार को कोर्ट ने फैसले के लिए तारीख तय की है।

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