भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का आज (8 नवंबर) जन्मदिन है। वह 96 साल के हो गए हैं। इस मौके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘X’ पोस्ट पर उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने ‘X’ हैंडल पर पोस्ट कर लिखा, “लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। वह ईमानदारी और समर्पण के प्रतीक हैं, जिन्होंने महान योगदान दिया है, जिससे हमारा देश मजबूत हुआ है।”
पीएम मोदी ने कहा, “उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने राष्ट्रीय प्रगति और एकता को आगे बढ़ाया है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करता हूं। राष्ट्र निर्माण की दिशा में उनके प्रयास 140 करोड़ भारतीयों को प्रेरित करते रहते हैं।”
गृह मंत्री अमित शाह ने जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं
अमित शाह ने एक्स पोस्ट पर पूर्व गृह मंत्री को जन्मदिन की बधाई दी है। उन्होंने लिखा, “आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आडवाणी जी ने अपने अथक परिश्रम और संगठन कौशल से पार्टी को सींचने और कार्यकर्ताओं को गढ़ने का काम किया। भाजपा की स्थापना से लेकर सत्ता तक आने में आडवाणी जी का अतुलनीय योगदान हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा का अक्षुण्ण स्रोत है। ईश्वर से उनकी दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी दी शुभकामनाएं
उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट पर लिखा, “आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उनका अनुशासन, सिद्धांतवादी जीवन और अटूट प्रतिबद्धता की विचारधारा सभी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा है।”
भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता के शिल्पकार आडवाणी
भाजपा के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले लाल कृष्ण आडवाणी ने लगभग तीन दशकों का संसदीय करियर देखा है। उन्हें देश में एक प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में भाजपा – जिसके वे संस्थापक सदस्य थे – के अजेय उत्थान की पटकथा लिखने का श्रेय दिया जाता है।
8 नवंबर, 1927 को कराची में जन्मे आडवाणी 1998 से 2004 तक भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में गृह मामलों के मंत्री थे। उन्होंने 2002 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी के तहत उप प्रधानमंत्री के रूप में भी कार्य किया। आडवाणी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में की थी। 2015 में आडवाणी को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
उन्हें व्यापक रूप से महान बौद्धिक क्षमता, मजबूत सिद्धांतों और एक मजबूत और समृद्ध भारत के विचार के प्रति अटूट समर्थन वाले व्यक्ति के रूप में माना जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनके बारे में कहा था, “आडवाणी जी ने राष्ट्रवाद में अपने मूल विश्वास से कभी समझौता नहीं किया है, और फिर भी जब भी स्थिति की मांग हुई, उन्होंने राजनीतिक प्रतिक्रियाओं में लचीलापन दिखाया है।”