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ठंडी जगहों पर अगर हो जाए फ्रॉस्ट बाइट का अटैक

ठंडे के मौसम में भी घूमने-फिरने का अलग ही मजा होता है खासतौर से अगर आपको स्नोफॉल पसंद हो, क्योंकि वो इसी मौसम में पॉसिबल होता है। बर्फ से ढके पहाड़ों और मैदानों को देखना, ट्रैकिंग करना, तरह-तरह की एडवेंचर ट्राई करना जहां एक ओर मजेदार एक्सपीरियंस हो सकता है, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों के लिए तकलीफदेह ही। ऐसा इसलिए क्योंकि पहाड़ों पर मैदानी इलाकों की तुलना में बहुत ज्यादा ठंड होती है, जिसकी वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है। माइनस डिग्री वाली जगहों पर जाने पर तो त्वचा सुन्न पड़ने लगती है। हाथ और पैरों की उंगलियों की नसें ठंड के कारण जमने लगती हैं। इसे कोल्ड बर्न या फ्रॉस्ट बाइट कहा जाता है।

फ्रॉस्ट बाइट के लक्षण

– त्वचा का नीला, लाल, या पीला होना।

– हाथ और पैरों की उंगलियों में सूजन व उनका लाल होना

– उंगलियों में हल्की चुभन होते रहना।

– त्वचा का सुन्न हो जाना

– इसके साथ ही हाथों की उंगलियों के ज्वॉइंट्स में दर्द होना।

किन्हें होता है ज्यादा खतरा?

– डायबिटीक मरीजों को

– स्मोकिंग करने वालों को

– नसों से जुड़ी बीमारी के शिकार लोगों को

– पहाड़ों पर रहने वालों को

– कई दिनों तक सर्द वाली जगहों पर रहने वालों लोगों को

फ्रॉस्ट बाईट से बचाव के उपाय और सावधानियां

1. बहुत ज्यादा सर्द वाली जगहों पर अच्छे से गर्म कपड़े पहनकर रहें। हाथों में दस्ताने और पैरों में मोजे तो जरूर पहनें। जरूरत पड़े, तो इन्हें डबल भी पहन सकते हैं।                    

2. अगर आपको हाथ-पैरों में कुछ महसूस नहीं हो रहा, तो एक ही जगह पर बैठे रहने के बजाय चलें-फिरें। एक ही जगह पर रनिंग करें और हाथों-पैरों की भी हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से हो पाता है।            

3. अगर उंगलियों में फ्रॉस्ट बाइट की समस्या नजर आ रही है, तो दोनों हाथों को आपस में रगड़ें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।                   

4. फ्रॉस्ट बाईट होने पर उंगलियों को गुनगुने पानी में कम से कम 15-20 मिनट तक डुबोकर रखें। ध्यान रहें पानी बहुत ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे टिशू ब्रेक हो सकते हैं। फ्रॉस्ट बाइट की वजह से उंगलियों में दर्द है, तो उसे रगड़ने की कोशिश न करें। क्योंकि इससे खून निकल सकता है।                 

5. फ्रॉस्ट बाईट होने पर बॉनफायर और हीटर के सामने ज्यादा देर न बैठें।

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