राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में उत्तराखंड की रैंकिंग 26वीं है। 2022 में गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने एक स्वर्ण, आठ रजत और नौ कांस्य सहित कुल 18 पदक जीते थे, जो राज्य का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा, लेकिन इसके बाद से विभाग की ओर से उत्तराखंड को पदक तालिका में टॉप 10 में शामिल करने का दावा किया जा रहा था।
गोवा में 37वें राष्ट्रीय खेल 11 दिन बाद 26 अक्तूबर से शुरू हो रहे हैं, लेकिन इसमें उत्तराखंड से प्रतिभाग करने वाले खेल और खिलाड़ियों की अब तक सूची तैयार नहीं है। यह हाल तब है जब उत्तराखंड अगले साल खुद 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने जा रहा है।
इससे राज्य की राष्ट्रीय खेलों की तैयारी का अंदाजा लगाया जा सकता है। राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में उत्तराखंड की रैंकिंग 26वीं है। 2022 में गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने एक स्वर्ण, आठ रजत और नौ कांस्य सहित कुल 18 पदक जीते थे, जो राज्य का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा, लेकिन इसके बाद से विभाग की ओर से उत्तराखंड को पदक तालिका में टॉप 10 में शामिल करने का दावा किया जा रहा था।
राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड के खिलाड़ियों के लिए अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तरह
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 37वें राष्ट्रीय खेलों में राज्य के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए विभाग में पिछले कुछ समय में खूब बैठकें हुई, लेकिन ऐसे में जबकि अगले साल राज्य में राष्ट्रीय खेल होने हैं। 38वें राष्ट्रीय खेलों से पहले इस महीने 26 अक्तूबर से गोवा में होने वाले राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड के खिलाड़ियों के लिए अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तरह हैं।
जो काफी हद तक यह तय करेंगे कि इसमें उत्तराखंड का प्रदर्शन किस तरह का रहेगा। इसके लिए खेल विभाग और खेल एसोसिएशन कितना गंभीर और तैयार है। उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन अब तक खेल और खिलाड़ियों के नाम की सूची तक तैयार नहीं कर पाया है। उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव डीके सिंह बताते हैं कि गोवा में कितने खिलाड़ियों का दल जाएगा फेडरेशन से उन खिलाड़ियों के बारे में जानकारी मांगी है।
कुछ ने इस संबंध में अब तक जानकारी नहीं दी। गोवा की वजह से इसमें देरी हुई है। गोवा ने मात्र 10 दिन पहले मेल के माध्यम से राष्ट्रीय खेलों के संबंध में जानकारी दी है। 24 अक्तूबर को उत्तराखंड से स्टाफ गोवा पहुंचता है तो उनके रुकने की क्या व्यवस्था होगी, गोवा में व्यवस्था देख रहे अधिकारी इसे स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं।