Wednesday , October 23 2024

एमबीबीएस में एडमिशन लेना चाह रहे छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खुशखबरी …

नीट पास कर एमबीबीएस में एडमिशन लेना चाह रहे छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। कर्नाटक का श्री मधुसुदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च मेडिकल छात्रों को एमबीबीएस की पढ़ाई फ्री में कराएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी कल 25 मार्च 2023 को चिक्काबल्लापुर में  स्थिति इस मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे। इस कॉलेज में वर्ष 2023-24 के लिए एमबीबीएस की 100 सीटों पर दाखिला दिया जाएगा। देश से डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले भारतीय मेडिकल छात्रों को एमबीबीएस की पढ़ाई में 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं लेकिन श्री मधुसुदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च स्टूडेंट्स को डॉक्टरी की पढ़ाई मुफ्त में कराएगा। यह मेडिकल कॉलेज बेंगुलरु से 70 किमी दूर मुद्देनाहल्ली में सत्य साई नाम के एक गांव में है। करीब 350 करोड़ की लागत से बने इस मेडिकल कॉलेज की आधारशिला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अप्रैल 2022 में रखी थी। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चीफ लाइजन ऑफिसर गोविंदा रेड्डी ने कहा, ‘इस मेडिकल कॉलेज में 50 सीटों पर सरकारी कोटा के तहत एडमिशन होगा जबकि शेष 50 सीटों पर प्राइवेट/मैनेजमेंट कोटे के तहत। इन सभी 100 एमबीबीएस सीटों पर दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स से कोई फीस नहीं ली जाएगी। एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन के बाद कॉलेज हॉस्पिटल में पांच साल तक सेवा देनी होगी। स्टूडेंट्स का इस पर सहमति देना अनिवार्य होगा। रिपोर्ट के मुताबिक मेडिकल कॉलेच का संचालन करने वाला प्रशंति बालमंदिरा ट्रस्ट स्टूडेंट्स को किताबें, कॉपियां, यूनिफॉर्म जैसी अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराएगा। साथ ही हॉस्टल सुविधा भी मुहैया कराएगा। इन सबके कोई धनराशि नहीं ली जाएगी। यह मेडिकल कॉलेज श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमेन एक्सीलेंस से एफिलिएटेड है। यह एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी है। केईए नहीं लेगा फीस रेड्डी ने कहा कि कर्नाटक एग्जामिनेशन अथॉरिटी (केईए) ही सरकारी और मैनेजमेंट कोटा दोनों तरह की सीटों के एडमिशन को देखेगी। कर्नाटक में केईए ही सभी एमबीबीएस सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया का जिम्मा संभालती है। यह संस्था सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में सभी कोटे की सीटों पर एडमिशन के लिए फीस एकत्र करती है। केईए के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा, ‘सरकार की ओर से दिए गए फीस स्ट्रक्चर और सीट मैट्रिक्स को देखकर ही हम स्टूडेंट्स से फीस लेते हैं। अगर कोई मेडिकल कॉलेज सरकार से लिखित तौर पर कहता है कि वह फ्री में सीटों पर एडमिशन देगा तो हम उस कॉलेज में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों से फीस नहीं लेंगे।’ नेशनल मेडिकल कमिशन की वेबसाइट के मुताबिक कॉलेज को 10 मार्च 2023 को वर्ष 2023-24 के लिए 100 एमबीबीएस सीटों पर एडमिशन की अनुमति दी गई है। यहां 350 बेड की व्यवस्था है और मरीजों का भी फ्री इलाज होता है। ट्रस्ट ने टीचिंग फैकल्टी की नियुक्ति कर दी है। इन्हें हॉस्पिटल की ड्यूटी से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

Check Also

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की समीक्षा चाहती है केंद्र सरकार, टाटा ग्रुप और मध्य प्रदेश सरकार भी आए साथ

Supreme Court Mineral Royalty Judgment: खनिजों के खनन और खनिज संपदा पर टैक्स लगाने का …