सूर्योदयः– प्रातः 06:26:00
सूर्यास्तः– सायं 05:34:00
विशेषः- बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः– दक्षिणायन
ऋतुः– शिशिर ऋतु
मासः– माघ माह
पक्षः– कृष्ण पक्ष
तिथिः– नवमी तिथि 28:35:00 तक तदोपरान्त दशमी तिथि
तिथि स्वामीः- नवमी तिथि की स्वामिनी दुर्गा जी हैं तथा दशमी तिथि के स्वामी यमराज जी हैं।
नक्षत्रः– स्वाति 10:07:12 तक तदोपरान्त विशाखा नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- स्वाति नक्षत्र के स्वामी राहु देव हैं तथा विशाखा नक्षत्र के स्वामी गुरु देव हैं।
योगः- गंड 28:08:00 तक तदोपरान्त वृद्धि
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 11:13:00 से 12:33:00 बजे तक
दिशाशूलः– बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें।
राहुकालः– राहु काल 12:33:00 से 01:54:00 तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में लौकी या कद्दू नही खाना चाहिए व कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”
Astrologer Dr. Trilokinath