अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच करीब साढ़े तीन घंटे वर्चुअल बैठक चली। शी जिनपिंग ने अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडेन से बैठक में कहा कि चीन और अमेरिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, शांति के साथ सह-अस्तित्व कायम करना चाहिए और दोनों पक्षों के फायदे के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। शी ने एक मजबूत और स्थिर चीन-अमेरिका संबंध विकसित करने का आह्वान किया। द्विपक्षीय संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए आम सहमति कायम करने और सक्रिय कदम उठाने के लिए बाइडेन के साथ काम करने की इच्छा भी व्यक्त की।
शुरुआती भाषण में बाइडेन ने कहा है कि दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा कहीं टकराव में न बदल जाए, इसका ध्यान रखना होगा। राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि दोनों मुल्कों को आपसी संवाद सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। बाइडेन ने कहा, ‘‘चीन और अमेरिका के नेता होने के नाते यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी होती है कि हमारे देशों के बीच जो प्रतिस्पर्धा है वह टकराव में न बदले…. इसकी बजाय यह सरल एवं सीधी प्रतिस्पर्धा रहे।’ जिनपिंग ने भाषण में बाइडेन को पुराना मित्र बताते हुए संबोधित किया. इससे पहले 2013 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति बाइडेन की चीन यात्रा के दौरान भी जिनपिंग ने उन्हें ‘पुराना मित्र’ बताया था जबकि बाइडेन ने दोनों की ‘दोस्ती’ के बारे में बात की थी।
बाइडेन यह बैठक ऑनलाइन करने की बजाय शी से आमने-सामने मिलना चाहते थे, लेकिन चीन के राष्ट्रपति कोविड-19 वैश्विक महामारी के मामले सामने आने से बाद से ही देश से बाहर नहीं गए हैं। व्हाइट हाउस ने ही फिर ऑनलाइन बैठक का प्रस्ताव दिया, ताकि दोनों नेता संबंधों में तनाव के बारे में स्पष्ट बातचीत कर पाएं।
बाइडेन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के बीच चल रही बैठक को लेकर व्हाइट हाउस के अधिकारियों को ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि किसी बड़ी घोषणा की संभावना नहीं है और दोनों देशों द्वारा संयुक्त बयान जारी करने की भी कोई योजना नहीं है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, “उन्हें लगता है कि उनके रिश्ते का इतिहास, उनके साथ समय बिताने के बाद, उन्हें काफी स्पष्टवादी होने की अनुमति देता है और यह आगे भी जारी रहेगा।