दिल्ली –एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से एक बार फिर संकट आ गया है। हालात इतनी खराब हो गई है कि दिल्ली सरकार को आज कड़े कदम उठाने का ऐलान करना पड़ा। अगर हालात काबू में नहीं आए तो कोरोना संकट की तरह ही एक बार फिर लाकडाउन लग सकता है।
वायु प्रदषण की खराब स्थिति के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को 4 बड़े कदम उठाने का बड़ा फैसला लिया है। केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। उसके बाद बाद बताया कि सोमवार से एक हफ्ते के लिए स्कूल बंद रहेंगे। सिर्फ वर्चुअल क्लास चलेंगी। 14 से 17 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी का काम बंद किया जाएगा। सरकारी दफ्तरों का वर्क फ्रॉम होम किया जा रहा है तो दफ्तर ही बंद रहेंगे। निजी कार्यालयों को वर्क फ्रॉम होम के लिए एडवाज़री जारी की जाएगी।
इससे पहले शनिवार शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के दमघोंटू प्रदूषण से निपटने से आपात बैठक बुलाई। इसमें सभी संबंधित विभागों के मंत्री व आला अधिकारी मौजूद रहे। इसमें मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की। इस दौरान चार बड़े फैसले लिए गए हैं। उम्मीद है कि इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ लोगों को भी राहत दी जा सकेगी।
रविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में प्रदूषण काफी बढ़ा है। एयर इंडेक्स का डेटा दिखाता है कि 30 सितंबर तक दिल्ली की हवा लगभग साफ थी। इसके बाद से लगातार दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। दिल्ली के आसपास के राज्यों में किसान मजबूर होकर जो पराली जलता है और उसका धुंआ दिल्ली में आ रहा है, उसकी वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। यह समय एक-दूसरे पर उंगली उठाने का नहीं है और हमारा वह मकसद भी नहीं है।
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के अंदर बीच-बीच में एक सुझाव निकल कर आ रहा था कि अगर बहुत ज्यादा हालात खराब हो जाते हैं, तो क्या दिल्ली को पूरी तरह से लॉकडाउन किया जा सकता है। इसका वर्क आउट किया जा रहा है। अभी हम लॉकडाउन लगा नहीं रहे हैं। इसका एक प्रस्ताव बना रहे हैं और इस प्रस्ताव को हम सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे। साथ ही केंद्र सरकार समेत सभी एजेंसियों से बातचीत की जाएगी। वजह यह कि यह बहुत ही बड़ा कदम होगा। इसलिए केंद्र सरकार, सीपीसीबी, सफर समेत सभी एजेंसी को भरोसे में लेकर अगर ऐसे हालात बनते हैं, तो उसमें दिल्ली के अंदर सारे प्राइवेट वाहन, निर्माण, ट्रांसपोर्ट, औद्योगिक गतिविधियां बंद की जा सकती हैं।
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