लखनऊ। देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी कोयले की कमी से पैदा हुआ बिजली संकट बढ़ता ही जा रहा है. ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक में जबरदस्त बिजली कटौती हो रही है.
कोयले का स्टॉक प्रतिदिन 10 हजार टन कम हो रहा
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत निगम की सबसे बड़ी अनपरा परियोजना में कोयले का स्टॉक प्रतिदिन 10 हजार टन कम हो रहा है. कोयले की आपूर्ति जल्द ही सामान्य न हुई तो पूरा प्रदेश बिजली संकट की चपेट में आ सकता है.
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कोयले की आपूर्ति सामान्य कराने का अनुरोध
स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र भेजकर यूपी को अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराने और कोयले की आपूर्ति सामान्य कराने का अनुरोध किया है.
पावर प्लांट की इकाइयां एक-एक कर बंद होती जा रही
कोयले के अभाव में सोनभद्र पावर प्लांट की इकाइयां एक-एक कर बंद होती जा रही हैं. हरदुआगंज-डी की 250 मेगावॉट, पारीछा-बी की 210 मेगावॉट और पारीछा-सी की 250 मेगावाट इकाई बंद होने से प्रतिदिन 2.88 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है.
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इसके साथ ही उत्पादनरत इकाइयों को भी 60 फीसदी लोड़ पर ही संचालित किया जा रहा है. अनपरा ए की 210-210 मेगावॉट क्षमता वाली तीन इकाइयों में 40-40 मेगावॉट बिजली का उत्पादन कम किया गया है.
हरदुआगंज व पारीछा में कोयले का स्टॉक लगभग खत्म
ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक में जबरदस्त बिजली कटौती हो रही है, जिसके कारण उपभोक्ता प्रदर्शन कर रहे है. हरदुआगंज व पारीछा में कोयले का स्टॉक लगभग समाप्त हो गया है. जबकि अनपरा में दो और ओबरा में ढाई दिन का कोयला शेष बचा है.
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