लखनऊ। 17 सितंबर को लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की बैठक होने जा रही है। इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में ये बैठक होगी।
GST परिषद की 45वीं बैठक
वहीं बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे. बता दें कि, यह GST परिषद की 45वीं बैठक है. जिसमें कई अहम प्रस्ताव रहेंगे।
डीजल-पेट्रोल को GST के दायरे में लाने पर होगा विचार
इसके साथ ही डीजल-पेट्रोल को GST के दायरे में लाने पर भी विचार हो सकता है। बता दें कि, केरल HC ने पेट्रोलियम को GST में लाने का निर्देश दिया था।
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महामारी के बाद GST काउंसिल की यह पहली फिजिकल बैठक
कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद से GST काउंसिल की यह पहली फिजिकल बैठक होगी। बैठक में मंत्री समूह ‘एक देश-एक दाम’ के प्रस्ताव पर चर्चा कर सकता है।
पेट्रोल-डीजल के दाम में आ सकती है कमी
मंत्री समूह के प्रस्ताव पर GST काउंसिल मुहर लगा देता है तो फिर देश के सभी राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दाम एक समान हो जाएंगे। इतना ही नहीं एक समान GST से पेट्रोल व डीजल के दामों में भारी कमी आएगी।
हालांकि, GST काउंसिल इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है। सूत्रों का दावा है कि, राजस्व को देखते हुए GST काउंसिल के उच्च अधिकारी पेट्रोलियम पदार्थों पर एक समान GST लगाने को तैयार नहीं हैं।
पेट्रोल और डीजल पर GST से होती है सबसे ज्यादा कमाई
वित्तीय वर्ष 2019-20 में पेट्रोलियम पदार्थों से राज्य व केंद्र सरकार को 5.55 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। इसमें पेट्रोल व डीजल से ही सबसे ज्यादा राजस्व सरकारों को मिला।
पेट्रोल पर केंद्र सरकार 32% तो राज्य सरकार लगभग 23.07% टैक्स ले रही है। वहीं डीजल पर केंद्र 35 तो राज्य सरकारें 14% से ज्यादा का टैक्स वसूल कर रही हैं।
कोरोना के इलाज में भी टैक्स से रियायत दी जा सकती
बैठक में कोरोना उपचार से जुड़े उपकरणों व दवाइयों पर भी टैक्स से रियायत भी दी जा सकती है। वहीं आठ मिलियन से ज्यादा फर्म के लिए आधार अनिवार्य किया जा सकता है।
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इतना ही नही GST काउंसिल सिक्किम में फार्मा और बिजली पर स्पेशल सेस की अनुमति देने के लिए मंत्रियों के समूह (GoM) की रिपोर्ट पर विचार करेगी।