कानपुर देहात। आमतौर पर शादियों में सैकड़ों मेहमान, बैंड-बाजे की धुन, टेंट-पंडाल और भारी खर्च की तस्वीरें देखने को मिलती हैं। लेकिन कानपुर देहात के रूरा थाना परिसर में एक ऐसी शादी हुई जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। यहां एक युवक ने अपनी प्रेमिका से थाना परिसर स्थित मंदिर में सात फेरे लेकर विवाह किया और पुलिसकर्मी इस शादी के गवाह बने।
युवक ने यह कदम बेरोजगारी और महंगाई के मौजूदा हालात को देखते हुए उठाया। उसका कहना था कि समाज और रिश्तेदारों के दिखावे से हटकर अगर सादगी से शादी की जाए तो लाखों रुपये खर्च होने से बच सकते हैं।
चार साल पुराने प्यार को मिला मुकाम
जानकारी के मुताबिक, युवक और युवती पिछले चार साल से एक-दूसरे को पसंद करते थे। परिवार और समाज की औपचारिकताओं से बचते हुए उन्होंने आपसी सहमति से शादी करने का निर्णय लिया। रिश्तेदारों के नखरों और दिखावे की रस्मों से दूर रहकर दोनों ने थाना परिसर को ही अपने जीवन का सबसे खास स्थान बना दिया।
पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में बंधे बंधन में
इस अनोखी शादी में बैंड-बाजा नहीं बजा, न ही बारात निकली और न ही दावत-भोज हुआ। थाना परिसर स्थित मंदिर में बेहद सादगी से दोनों ने एक-दूसरे को जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया। शादी की पूरी प्रक्रिया पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुई और वे गवाह भी बने।
समाज को दिया सादगी का संदेश
युवक का कहना था कि समाज में दिखावे और खर्चीली शादियों की परंपरा ने मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों को बोझ तले दबा दिया है। यही वजह है कि उसने अपने प्यार को बिना किसी तामझाम और फिजूलखर्ची के शादी का रूप दिया। यह कदम समाज के लिए एक मिसाल है।
चर्चा का विषय बनी शादी
रूरा थाना परिसर में हुई इस शादी की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है। लोग इसे “एक अनोखी मिसाल” बता रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर लोग इसी तरह सादगी से शादी करने लगें तो अनावश्यक खर्च और सामाजिक दबाव से बचा जा सकता है।
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