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हरियाणा: दोपहर के समय लाईटें जलाकर सड़कों पर रेंगते चल रहे वाहन

पिछले चार दिनों से बदले मौसम के बीच वीरवार को भी कुरुक्षेत्र के कईं क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी तो कहीं बारिश हुई। आसमान में बादल इस तरह गहराए रहे कि दोपहर के समय अंधेरा छा गया और रात जैसा नजारा दिखाई देने लगा। सड़कों पर वाहन लाइट जलाकर रेंगते हुए चलने लगे। बदले मौसम के बीच ठंडी व तेज हवाएं भी चलने लगी, जिससे एकाएक ठंड बढ़ गई। लोग इससे बचाव करते दिखाई दिए।                      

बता दें कि तीन दिनों से मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। हालांकि पहले दिन सोमवार को जिला में कई जगह हल्की बूदांबादी हुई थी, जिसके साथ ही ठंड बढ़ गई थी। अगले दिन भी आसमान में बादल छाए रहे थे और दिन भर सूर्य देव नहीं निकले, जिसके बाद कल बुधवार को धूप निकलने से कुछ राहत मिली थी। वहीं, वीरवार को सुबह से ही फिर मौसम में बदलाव हुआ, जिसके चलते दोपहर तक कहीं हल्की बारिश तो कहीं बूंदाबांदी होती रही।                                   

मौसम में आए इस बदलाव के बाद ठंड अचानक बढ़ गई और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक रहा। जबकि माना जा रहा है कि मौसम में आए इस बदलाव के चलते अगले दिनों में ठंड और बढ़ेगी। हालांकि एक दिसंबर से मौसम कुछ बादलों के साथ साफ रहने की उम्मीद जताई जा रही है जबकि न्यूनतम तापमान लगातार कम होगा। नौ दिसंबर को यह नौ डिग्री तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।                        

गेहूं की पिछेती बिजाई पर विपरित असर : डॉ सिंह

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ सीबी सिंह का कहना है कि मौसम में आए बदलाव का असर गेहूं की फसल पर भी होगा। जहां अगेती व 20 दिनों पहले बुआई की जा चुकी गेहूं में हल्की बारिश होने से फायदा होगा वहीं पिछेती व व पिछले पांच से सात दिन पहले की गई बुआई पर इसका नुकसान हो सकता है। वहीं सब्जी की फसलों पर भी विपरित असर पड़ सकता है। हालांकि तेज बारिश हुई व जलजमाव हुआ तो अगेती गेहूं की फसल भी खराब हो सकती है।

बीमारियों से बचाव के लिए सर्तक रहे : सुखबीर 

जिला सिविल सर्जन डाॅ. सुखबीर सिंह का कहना है कि बारिश के मौसम में सर्तकता से ही अनेकों बीमारियों से बचा जा सकता है। जलभराव में मच्छर पैदा होने से जल जनित बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। जिलावासी अपने घर व घर के आस-पास जल ठहराव न होने दें। सप्ताह में एक दिन अवश्य ड्राई डे मनाएं यानि घर की छत पर रखें सामान, कूलर आदि को अच्छी तरह सूखे कपड़े से साफ कर सूखा दें ताकि मच्छर पैदा न हों। घर के बाहर जल निकासी नाली में पानी के ठहराव मेंं गाड़ियों से निकला हुआ काला तेल, डीजल, पेट्रोल डालने से मच्छर नहीं पनपते।                              

सीएमओ ने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग को डेंगू, मलेरिया व जापानी बुखार जैसी बीमारियों से बचने के लिए लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है। स्कूलों में जाकर बच्चों को मच्छरों के पनपने से रोकने के लिए जागरूक किया जा रहा हैंं। सभी की सजगता डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारी को पनपने से रोक सकती है। अगर आपको बार-बार तेज बुखार आ रहा है तो, नजदीक के नागरिक अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर से परामर्श कर दवा लें।

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