शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) चुनाव के लिए हरियाणा में मौजूद निर्वाचन क्षेत्रों को भी शामिल करने और यहां पर भी चुनाव आयोजित करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका का एसजीपीसी ने समर्थन किया है। एसजीपीसी ने याचिका पर जवाब दाखिल करते हुए कहा कि हम पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और हरियाणा की सीटों पर चुनाव करवाने को तैयार हैं। इस मामले में अब केंद्र सरकार का जवाब आना बाकी है।
युमनानगर निवासी बलदेव सिंह व अंबाला निवासी गुरदीप सिंह ने याचिका दाखिल करते हुए बताया कि केंद्र सरकार की 1996 की नोटिफिकेशन में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड की 120 सीटें तय की गई थी और इनमे से आठ सीटें हरियाणा की थी। दोनों याचिकाकर्ता 2011 के चुनाव में हरियाणा से एसजीपीसी के सदस्य चुने गए थे। अब चुनाव के लिए हरियाणा की आठ सीटों को बाहर कर दिया गया है जबकि इन सीटों पर भी चुनाव होने चाहिए।
एसजीपीसी का चुनाव सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 के प्रावधान द्वारा शासित होता है। याचिकाकर्ताओं ने 25 मई 2023 की विवादित चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने के निर्देश देने की मांग की है। सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 की धारा 44 के तहत जारी 20 अप्रैल, 1996 की अधिसूचना का पूर्ण उल्लंघन किया गया है और हरियाणा के निर्वाचन क्षेत्रों को बाहर रखा गया है। इस प्रकार हरियाणा के क्षेत्र को बाहर करना स्थानीय सिखों के साथ पूरी तरह से अन्याय है।
याचिका पर अब जवाब सौंपते हुए एसजीपीसी ने कहा कि हम पंजाब व पंजाब के बाहर गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए समर्पित हैं। सिख गुरुद्वारा अधिनियम के तहत हरियाणा के निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव करवाने की मांग बिल्कुल सही है और एसजीपीसी याचिका का समर्थन करती है। अगर आदेश दिया जाता है तो हरियाणा में चुनाव के लिए हम तैयार हैं। इस मामले में अब केंद्र सरकार का जवाब आना बाकी है।
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