रायबरेली |
फतेहपुर के एक कार्यक्रम से लौटते समय समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने रायबरेली जिले के ऊंचाहार तहसील क्षेत्र के खारौली गांव में पड़ाव डाला। यहां उन्होंने शहीद कंचन यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद करते हुए कहा कि ऐसे वीर सपूतों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मौके पर मौजूद ग्रामीणों के साथ चाय पर चर्चा की, जहां स्थानीय लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। बातचीत के दौरान मौर्य ने अपने ऊपर हुए हालिया हमले को लेकर खुलकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग जनाधार से डरते हैं, वही इस प्रकार की कायराना हरकतें करते हैं।
हमलावरों पर सख्त कार्रवाई की मांग
अपने ऊपर हुए हमले की निंदा करते हुए मौर्य ने कहा –
“यह हमला सिर्फ मेरी नहीं, लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश थी। मैं प्रशासन से मांग करता हूं कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। अगर कानून ऐसे लोगों को सजा नहीं देगा, तो समाज में अराजकता का माहौल बढ़ेगा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि समाजवादी पार्टी किसी भी कीमत पर अन्याय और दमन के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी।
ग्रामीणों से संवाद, समर्थन की अपील
ग्रामीणों के बीच मौर्य ने जनता से अपील की कि वे सच्चाई और न्याय की लड़ाई में उनके साथ खड़े रहें। उन्होंने कहा कि वह क्षेत्र के विकास और सामाजिक न्याय के लिए हमेशा तत्पर हैं। ग्रामीणों ने भी एकजुटता दिखाते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश
घटना के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के दौरे से स्थानीय समाजवादी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखा गया। जगह-जगह उनका स्वागत किया गया और पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि वे किसी भी स्थिति में अपने नेता के साथ खड़े हैं।
निष्कर्ष:
स्वामी प्रसाद मौर्य का रायबरेली दौरा न केवल शहीद को श्रद्धांजलि देने का अवसर था, बल्कि जनता से संवाद और अपनी बात रखने का भी एक मजबूत मंच बना। हमले पर तीखी प्रतिक्रिया और न्याय की मांग ने एक बार फिर से राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है।
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