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सिद्धार्थनगर ब्रेकिंग : 67 करोड़ का पीसीएफ धान खरीद महाघोटाला, SIT और EOW संभालेंगी जांच

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में सहकारिता विभाग के तहत संचालित प्राथमिक सहकारी समिति संघ (पीसीएफ) में हुए 67 करोड़ रुपए के धान खरीद महाघोटाले की जांच अब विशेष जांच दल (SIT) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दी गई है। इस बड़े कदम के बाद माना जा रहा है कि मामले की जांच में तेजी आएगी और उन रसूखदार लोगों पर शिकंजा कस सकता है, जो अब तक अपनी राजनीतिक पकड़ और पैसों के बल पर कानून की गिरफ्त से दूर थे।

कैसे सामने आया घोटाला

साल 2023-24 में सिद्धार्थनगर जिले में धान खरीद प्रक्रिया के दौरान भारी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं। जांच में दस्तावेजी पुख्ता सबूत मिले, जिसके आधार पर तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर ने सख्ती दिखाते हुए मामला दर्ज कराया। नतीजतन कुछ आरोपी पैसे लौटाकर बच निकले, जबकि कई लोग जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए। बाकियों की तलाश और कार्रवाई अभी भी जारी है।

लोकल एजेंसियों पर पक्षपात के आरोप

स्थानीय स्तर पर जांच एजेंसियों पर पक्षपात और धीमी कार्रवाई के आरोप लगे। यहां तक कि कुछ एजेंसियों पर मिल मालिकों से धन उगाही कर बचाव करने का भी संदेह जताया गया। यही वजह है कि अब जांच को SIT और EOW के हवाले किया गया है।

महाराजगंज कनेक्शन

जांच रिपोर्ट के मुताबिक, इस घोटाले में महाराजगंज जिले की तीन राइस मिलें

  • संस्थागारी राइस मिल

  • जय मां दुर्गे राइस मिल

  • कृष्णा इंडस्ट्रीज

की अहम भूमिका सामने आई है। केवल महाराजगंज के तीन लोगों के खातों में ही 25 करोड़ रुपए भेजे गए।

इतना ही नहीं, कई मिल मालिकों की पत्नियों और रिश्तेदारों के खातों में भी मोटी रकम ट्रांसफर की गई।

  • विनोद मद्धेशिया और उषा मद्धेशिया के खाते में 20-20 लाख रुपए जमा कराए गए।

  • अब तक की जांच में करीब 20 लोगों के खातों में 25 लाख से लेकर 2 करोड़ रुपए तक की रकम भेजे जाने का खुलासा हुआ है।

इनमें से अधिकांश खातों का किसी वास्तविक योजना या लाभार्थी से कोई संबंध नहीं निकला। राशि पीसीएफ की विभिन्न योजनाओं और अनाज क्रय-विक्रय मदों के नाम पर जारी की गई थी, लेकिन लाभार्थी फर्जी पाए गए।

विभागीय मिलीभगत पर संदेह

क्षेत्रीय प्रबंधक बस्ती ने संदेह जताया है कि इस पूरे घोटाले में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी हो सकती है।

डीएम का बयान

सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर ने कहा —
“यह मामला बेहद गंभीर है। अब SIT और EOW को जांच सौंपी गई है। इससे जांच में तेजी आएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”

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