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सहकारी बैंक घोटाला: कैशियर ने रची थी साजिश… आधार नंबरों से किया ‘खेल’, किसानों की सम्मान निधि हड़पी

जिला सहकारी बैंक की फरीदपुर और कनमन शाखाओं में हुए घोटाले के बाद आठ आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। इनमें फरीदपुर शाखा का कैशियर चंद्र प्रकाश साजिशकर्ता बताया जा रहा है।


जिला सहकारी बैंक, फरीदपुर – फोटो

बरेली में जिला सहकारी बैंक की दो शाखाओं में कुल 1.80 करोड़ रुपये के घोटाले का साजिशकर्ता कैशियर चंद्र प्रकाश को बताया जा रहा है। फिलहाल उसे निलंबित कर दिया गया है। उसके विरुद्ध गबन के आरोप में दो एफआईआर भी दर्ज कराई गईं हैं। चंद्र प्रकाश ने ही अपनी यूजर आईडी से फर्जी और निष्क्रिय खातों में दूसरों के आधार कार्ड की मैपिंग कर घोटाले की नींव रखी थी।

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के सामने तुलसीनगर में रहने वाला चंद्र प्रकाश गंगवार की तैनाती सहकारी बैंक की फरीदपुर शाखा में थी। प्रारंभिक जांच करने वाले अधिकारियों का कहना है कि फरीदपुर शाखा में 3388 पुराने, निष्क्रिय और फर्जी खातों को संचालित किया गया। उनमें एक से अधिक आधार नंबरों की मैपिंग की गई है। इसमें करीब 99 प्रतिशत आधारों की मैपिंग खुद चंद्र प्रकाश ने अपनी यूजर आईडी से की है।

बताया कि बैंक की कनमन शाखा में भी उसी ने अपनी ही यूजर आईडी से फर्जी एवं निष्क्रिय बैंक खातों में एक से अधिक आधार नंबरों की मैपिंग की है। बैंक सूत्रों के मुतबिक, इस चंद्र प्रकाश गंगवार से शाहजहांपुर का एक व्यक्ति जुड़ा है, जिसके विरुद्ध पूर्व में कटरा विधायक ने भी फर्जीवाड़े के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस व्यक्ति ने ही शाहजहांपुर जिले के काफी लोगों के आधार नंबर एकत्र कर चंद्र प्रकाश गंगवार को उपलब्ध कराए हैं।

 

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किसान सम्मान निधि की राशि हड़पी 
शुरुआती जांच में पता चला है कि 547 बचत खातों में एक से अधिक आधार कार्ड नंबरों की मैपिंग की गई थी। इससे कई किसानों की सम्मान निधि के 1.64 करोड़ रुपये एक ही खाते में आ गए। इसमें से 97.61 लाख रुपये भुगतान दर्शाकर गबन कर लिया। एक-एक खाते पर चार-पांच लोगों के आधार व पैन नंबर लगाकर डीबीटी (डॉयरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिये अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं की धनराशि भी डकार गए।

प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद ही होगी गिरफ्तारी
फरीदपुर और कनमन शाखाओं में हुए घोटाले के बाद आठ आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। सभी आरोपी भूमिगत हो गए हैं। फरीदपुर थानाध्यक्ष राधेश्याम ने बताया कि जांच अधिकारियों की रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज हो गई है, लेकिन अभी इसमें पुलिस की तरफ से जांच बाकी है। जिन पात्रों की धनराशि का घोटाला हुआ है, हमने बैंक प्रबंधन से उनके नाम-पता मांगे हैं। विवरण मिलने के बाद जांच करेंगे, फिर दोषियों को नोटिस जारी करेंगे। जवाब नहीं मिलने पर उनकी गिरफ्तारी करेंगे।थानाध्यक्ष ने कहा कि वैसे पांच लाख से अधिक धनराशि के गबन की जांच सतर्कता अधिष्ठान करता है। प्रारंभिक जांच में आरोप पुष्ट हुए तो विवेचना सतर्कता अधिष्ठान को स्थानांतरित करने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखेंगे। यही बात देवरनियां थानाध्यक्ष ने भी दोहराई है।

मंगलवार तक जारी होंगे आरोप पत्र
प्रधान कार्यालय में आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र तैयार किए जा रहे हैं। उप महाप्रबंधक सर्वेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उच्चाधिकारियों ने आरोपी बैंककर्मियों को तुरंत आरोप पत्र जारी करने के लिए कहा है। आरोपी तीनों शाखा प्रबंधक और पांच कैशियर जिस जिले के रहने वाले हैं, वहां के डीएम को भी पत्र लिखकर उनकी संपत्तियों की बिक्री को प्रतिबंधित करने का आग्रह किया जा रहा है, ताकि उनसे गबन की रकम की वसूली की जा सके।

जांच अधिकारियों के बयान दर्ज 
फरीदपुर पुलिस ने बृहस्पतिवार को जिला सहकारी बैंक के प्रधान कार्यालय आकर फरीदपुर शाखा में जांच करने वाले अधिकारियों के बयान भी दर्ज कर लिए हैं। इन अधिकारियों ने पुलिस को घोटाले के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इससे पुलिस की तफ्तीश तेजी से आगे बढ़ रही है।

26 शाखाओं में हो गई जांच, 24 में कामकाज दुरुस्त 
महाप्रबंधक ने बताया कि जिले में स्थित सहकारी बैंक की सभी 26 शाखाओं में जांच पूरी हो गई है। फरीदपुर और कनमन शाखाओं को छोड़ दें तो बाकी सभी शाखाओं में कामकाज दुरुस्त मिला है। नवाबगंज शाखा की जांच में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। हालांकि, वहां तैनात कैशियर प्रहलाद सागर की संलिप्तता कनमन शाखा में हुए घोटाले में पाई गई है।

प्रदेश की सभी शाखाओं में जांच के आदेश
उप्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आरके कुलश्रेष्ठ ने मामले का संज्ञान लेते हुए प्रदेश में स्थित सहकारी बैंक की सभी शाखाओं में जांच के आदेश दिए हैं। नौ जुलाई को जारी पत्र में लिखा है कि किसी भी शाखा में गड़बड़ी सामने आए तो तत्काल कार्रवाई कर उन्हें भी जानकारी दें।

मेगासॉफ्ट कंपनी का हर छह महीने में हो रहा नवीनीकरण
एक-दो जिलों को छोड़कर प्रदेशभर में जिला सहकारी बैंक की शाखाओं में मेगासॉफ्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम के सॉफ्टवेयर पर बैंकिंग कार्य हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस कंपनी के अनुबंध का हर छह महीने पर नवीनीकरण किया जा रहा है। जबकि, इस कंपनी का सॉफ्टवेयर सहकारी बैंकों में वर्ष 2008 से प्रभावी है। इसमें खामियां होने से खातों पर कई-कई आधार की मैपिंग हो जा रही है। इस सॉफ्टवेयर में एक शाखा से दूसरी में खुले खाते में आधार मैपिंग और अन्य सूचना संशोधन की सुविधा है।

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