रायबरेली। हरचंदपुर विकासखंड की मझिगवां राव ग्राम पंचायत के मारुला का पूरवा गांव में हुई लगातार बारिश ने ग्रामीणों का जीना दूभर कर दिया है। रविवार रात से जारी झमाझम बारिश के चलते गांव की गलियों और घरों में पानी भर गया। हालात इतने बिगड़ गए कि कई घरों के कच्चे छप्पर पानी की नमी और भार से गिर गए, जिससे गरीब परिवार खुले आसमान तले आ गए।
आवागमन ठप, ग्रामीण घरों में कैद
गांव की गलियों में कमर तक पानी भर जाने से लोगों का आना-जाना पूरी तरह रुक गया है। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक परेशान हैं। घरों में कैद ग्रामीण मजबूरी में दूषित पानी के बीच रह रहे हैं। बीमारियों के फैलने का भी खतरा मंडरा रहा है।
नाले पाटे, जल निकासी ठप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव में नाले पाटे जाने और जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था न होने से पानी लगातार जमा हो रहा है। कई बार शिकायत करने के बावजूद जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। नतीजतन, अब गांव जलभराव की समस्या से जूझ रहा है।
ग्रामीणों का दर्द
गांव के निवासी रामसजीवन ने बताया, “हर साल बरसात में यही हाल होता है, लेकिन इस बार स्थिति ज्यादा खराब हो गई है। घरों में पानी घुस जाने से खाना बनाना, बच्चों को संभालना और बीमार बुजुर्गों की देखभाल करना बहुत मुश्किल हो गया है।”
वहीं, महिला निवासी सुनीता देवी ने कहा, “छप्पर गिर जाने से हमारे पास रहने को सुरक्षित जगह नहीं है। बच्चे बरसाती पानी में भीग रहे हैं, लेकिन कोई हमारी सुध लेने वाला नहीं है।”
जिम्मेदारों की लापरवाही पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान और जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह बेपरवाह बने हुए हैं। समय रहते जल निकासी और मरम्मत कार्य कराए जाते तो इस संकट से बचा जा सकता था। अब लोग अपने घरों से बाहर निकलकर मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
प्रशासन से मदद की मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल राहत सामग्री, छत ढहने से प्रभावित परिवारों को मुआवजा और गांव से पानी की निकासी कराने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो महामारी और जनहानि का खतरा बढ़ सकता है।
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