भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) बलराज गुट के प्रदेश अध्यक्ष को एक पुराने मुकदमे में न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। वर्ष 2022 में दर्ज इस मामले में 22 अगस्त 2025 को अदालत ने उन्हें दोषमुक्त करार दिया। अदालत के इस फैसले से यूनियन कार्यकर्ताओं और किसानों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।
न्यायालय का आभार
भाकियू बलराज ने फैसले पर प्रसन्नता जताते हुए न्यायालय का आभार व्यक्त किया। साथ ही संगठन ने विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता अरुण यादव के कानूनी सहयोग और मार्गदर्शन की सराहना की। संगठन का कहना है कि यह फैसला न्याय की जीत है और इससे किसानों के संघर्ष को नई ताकत मिली है।
बहवलपुर गांव में बैठक
फैसले के बाद यूनियन की एक विशेष बैठक बहवलपुर गांव में आयोजित की गई। बैठक में किसानों की समस्याओं पर गंभीर चर्चा हुई। प्रमुख मुद्दों में—
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गन्ना किसानों का बकाया भुगतान,
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खाद–बीज की किल्लत,
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सिंचाई व्यवस्था,
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और स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार से जुड़े प्रश्न शामिल रहे।
बैठक में किसानों ने कहा कि कोर्ट का यह फैसला संगठन और किसानों के मनोबल को और मजबूत करेगा।
नगरपालिका के खिलाफ चेतावनी
बैठक में छिबरामऊ नगरपालिका के कर्मचारियों से अन्य विभागों के काम करवाए जाने का मुद्दा भी उठा। यूनियन नेताओं ने कहा कि यह गलत है और कर्मचारियों से वही काम लिया जाना चाहिए जिसके लिए वे नियुक्त हैं। यदि जल्द ही इस पर सुधार नहीं किया गया, तो भाकियू बलराज गुट नगरपालिका के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन करेगा।
युवाओं की भूमिका
बैठक में उपस्थित यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर सौरभ यादव ने कहा कि यह फैसला किसानों की ताकत और एकता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि भाकियू बलराज हमेशा किसानों और मजदूरों की आवाज बनकर खड़ा रहेगा। अगर किसी भी कर्मचारी या किसान के साथ अन्याय हुआ, तो संगठन सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।
किसानों में उत्साह
कोर्ट के इस फैसले से कार्यकर्ताओं और किसानों में नई ऊर्जा देखने को मिली। बैठक में मौजूद किसानों ने नारेबाजी कर फैसला स्वागत किया और संगठन को और मजबूत बनाने का संकल्प लिया।
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