कुशीनगर में सियासी हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतरकर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने यूरिया की कमी, लचर बिजली व्यवस्था और ध्वस्त कानून व्यवस्था जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा और प्रशासन को खुली चुनौती दी। इस प्रदर्शन के माध्यम से उन्होंने अपनी मांगों का पत्र राज्यपाल को भेजा।
पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने कहा कि कुशीनगर के किसानों को पिछले कई दिनों से यूरिया की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे खेत सूख रहे हैं और किसानों की परेशानियां बढ़ रही हैं। इसके अलावा, बिजली की लगातार कटौती और ट्रिपिंग ने ग्रामीण इलाकों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है। साथ ही, कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, जिससे आम जनता की सुरक्षा खतरे में है।
यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन नारों की गूंज और लोगों के गुस्से की गर्माहट पूरे माहौल में साफ महसूस की जा रही थी। राधेश्याम सिंह के अनुसार, सरकार की उदासीनता के कारण कुशीनगर के लोग भारी असहजता महसूस कर रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर भी पिछले कुछ हफ्तों में यूरिया की कमी से किसानों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है। बिजली कटौती और बार-बार ट्रिपिंग ने किसानों और ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। वहीं, चोरी-लूट की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में सपा इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है और आज का प्रदर्शन इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह का संदेश साफ है कि सपा सरकार को कुशीनगर में घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। सवाल यह उठता है कि क्या प्रदेश सरकार इन गंभीर आरोपों का जवाब दे पाएगी, या फिर यह विरोध प्रदर्शन जल्द ही आंदोलन में तब्दील हो जाएगा। कुशीनगर की जनता इन सवालों का जवाब बेताबी से इंतजार कर रही है।
इस बीच, राजनीतिक गतिविधियां तेज होती दिख रही हैं और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी बड़ा सियासी संग्राम देखने को मिल सकता है।
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