कन्नौज।
भारतीय किसान हलधर यूनियन का प्रतिनिधि मंडल शुक्रवार को छिबरामऊ तहसील पहुंचा, जहाँ उन्होंने कृषि मंत्री को संबोधित एक विस्तृत ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा। इस ज्ञापन में किसानों की समस्याओं और उनके स्थायी समाधान से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मांगें उठाई गईं।
किसानों की दयनीय स्थिति पर जताई चिंता
जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कश्यप ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन आज किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। किसान कठिन परिश्रम करता है, प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है, और कई बार खुद भूखा रहकर पूरे देश का पेट भरता है। बावजूद इसके, उसके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का अभाव है।
किसान आयोग के गठन की मांग
यूनियन ने ज्ञापन के माध्यम से किसान आयोग के गठन की मांग की। यूनियन का कहना है कि यह आयोग किसानों की आवाज सरकार तक पहुँचाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रमुख माध्यम बने। साथ ही यह भी शर्त रखी गई कि किसान आयोग का अध्यक्ष एक वास्तविक किसान परिवार से होना चाहिए, ताकि वह किसानों की पीड़ा को नज़दीक से समझ सके।
पेंशन और बिजली बिल पर भी रखी मांग
धर्मेंद्र कश्यप ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले किसानों को सरकार की ओर से पेंशन योजना लागू कर हर माह कम से कम 10 हजार रुपये दिए जाएं, ताकि वृद्धावस्था में किसानों को आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ने भले ही ट्यूबवेल बिल माफ कर दिए हों, लेकिन जब तक खेतों में लगे मीटर नहीं हटाए जाते, तब तक किसानों को वास्तविक राहत नहीं मिल पाएगी। यूनियन ने साफ कहा कि मीटर हटाए जाने चाहिए ताकि किसानों को पूरी तरह लाभ मिल सके।
किसानों की एकजुटता और सरकार से उम्मीद
प्रतिनिधि मंडल ने उम्मीद जताई कि सरकार किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी और जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएँगे। यूनियन का मानना है कि यदि किसानों को उनके अधिकार और सुविधाएँ समय पर मिलें, तो कृषि क्षेत्र मजबूत होगा और देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।
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