अलीगढ़ में सांसद के करीबी प्रापर्टी डीलर सोनू चौधरी की हत्या का खुलासा हो गया है। टाइगर ग्रुप के सरदार ने डॉन बनने की चाहत में सोनू की हत्या साजिश रची थी। सोनू चौधरी दिसंबर में जेल से छूटे टाइगर ग्रुप सरगना हेमू की दबंगई और प्रापर्टी कारोबार में आड़े आने लगा था।
अलीगढ़ में सांसद के करीबी प्रापर्टी डीलर सोनू चौधरी की हत्या की साजिश में अभी काफी परतें खुलना बाकी हैं। मगर अब तक का खुलासा बताता है कि इस हत्या के दो बड़े मकसद रहे। पहला लंबे समय से रिक्त पड़ी रामघाट रोड की जरायम बादशाहत पर कब्जे का सपना। डॉन बनने की चाहत का ये सपना सोनू के गांव के ही अपराधी टाइगर ग्रुप सरगना हेमू ने देखा। जिसे पूरा करने में सोनू के पार्टनर दिनेश ने मदद की। दोनों ने मिलकर राजनीतिक-आर्थिक रूप से समृद्ध व दबंग छवि के प्रापर्टी डीलर सोनू को रास्ते से हटा दिया।
जेल से छूटने पर हुआ था हेमू का स्वागत
पुलिस रिकार्ड में कोंडरा गांव के ही हेमू पर अब तक छोटी-मोटी फायरिंग व दबंगई के अपराध दर्ज हैं। वह पिछले वर्ष तालानगरी के एक कारोबारी पर प्रापर्टी विवाद में फायरिंग के अपराध में जेल गया था। दिसंबर माह में छूटकर आया। तब उसका जेल से लेकर गांव तक स्वागत हुआ।बाइकों पर युवाओं की भीड़ जबरदस्त रौले के साथ उसे लेकर आई। तालानगरी चौकी के सामने से होकर उसका गिरोह गुजरा। सोशल मीडिया पर वीडियो तक वायरल हुए। मगर उस समय चौकी पुलिस या अन्य किसी ने उसकी सक्रियता या गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया।
सिर उठाने लगा टाइगर ग्रुप
इसके बाद आए दिन टाइगर ग्रुप की दबंगई सामने आने लगी। चूंकि हेमू जेल में रहकर कुछ बड़े अपराधियों के संपर्क में आ गया था। इसलिए उसने बाहर आकर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, जिसे टाइगर ग्रुप नाम दिया गया। उसमें पीएसी से लेकर हरदुआगंज तक के गांवों व क्षेत्र के 100 से अधिक दबंग व आपराधिक छवि के युवा जोड़े।उस ग्रुप का मकसद था कि किसी साथी का कहीं कोई झगड़ा या विवाद होता है तो बस ग्रुप में सूचना डाल दो। पुलिस की यूपी-112 की तर्ज पर दस से पंद्रह मिनट में हमारी टीम वहां पहुंचेगी। अपने साथी की मदद में विपक्षी संग मारपीट व फायरिंग कर निकल जाएगी।
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