लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के अभियोजन विभाग द्वारा प्रभावी पैरवी कर महिलाओं के विरूद्व हुये अपराधों में प्रभावी पैरवी कर इन अपराधों में संलिप्त अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के प्रयासों के सार्थक परिणाम प्राप्त हुये है।
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2019 में यूपी में अपराध दर 55.2 प्रतिशत
महिलाओं के विरूद्व अपराध में अपराधियों को सजा दिलाने की अपराध दर वर्ष 2019 में पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर पूरे देश में जहां सर्वाधिक उ0प्र0 में 55.2 प्रतिशत रही। जबकि यह दर उत्तराखण्ड में 50.6 प्रतिशत, राजस्थान में 45.5 प्रतिशत, झारखण्ड में 44.7 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 32.3 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 26.5 प्रतिशत एवं पंजाब में 23.1 प्रतिशत रही।
2020 में इस प्रकार है अपराध दर
यह क्रम लगातार जारी रहा है, जिसके फलस्वरूप वर्ष 2020 में महिलाओं के विरूद्व अपराध में अपराधियों को सजा दिलाने की दर पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर पूरे देश में जहां उ0प्र0 में सर्वाधिक 61.0 प्रतिशत रही। जबकि यह दर उत्तराखण्ड में 41.8 प्रतिशत, राजस्थान में 47.5 प्रतिशत झारखण्ड में 51.0 प्रतिशत, बिहार में 43.9 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 37.5 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में 33.2 प्रतिशत रही।
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यह भी उल्लेखनीय है कि, ICJS (Interoperable Criminal Justice System) के तहत प्रदेश का अभियोजन विभाग देश में शीर्ष स्थान पर है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देश के समस्त राज्यों की प्रतिस्पर्धा में प्रदेश के अभियोजन विभाग को प्रथम पुरस्कार का सम्मान प्राप्त हुआ है।
देश में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान पर
ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर लगभग 70 लाख से अधिक प्रविष्टियों दर्ज होने के साथ पूरे देश में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान पर है। दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश द्वारा 18 लाख प्रविष्टियां एवं तीसरे स्थान पर गुजरात द्वारा 04 लाख प्रविष्टियां दर्ज की गयी है।
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