रायपुर। आपत्तिजनक बयानबाजी करने वाला संत कालीचरण को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. कालीचरण ने महात्मा गांधी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. और फिर फरार हो गए थे. लेकिन रायपुर पुलिस की टीमों ने जगह-जगह तलाशी अभियान चलाकर संत को गिरफ्तार कर लिया है.
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ऐसे गिरफ्त में आया कालीचरण
वहीं जब संत कालीचरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई तो वह फरार हो गए थे. अगले दिन कालीचरण ने एक वीडियो जारी किया और अपनी गलती पर अडिग रहे. इसी वीडियो के बाद पुलिस की सायबर सेल टीम वीडियो को ट्रेस किया. बता दें कि, कालीचरण ने छतरपुर के पल्लवी गेस्ट हाउस से वीडियो जारी किया था.
फोन के लोकेशन से पुलिस ने किया ट्रेस
पुलिस को फोन का आखिरी लोकेशन भी खजुराहो में ही मिला था. इसलिए पुलिस की तीन अगल-अगल टीम गिरफ्तारी के लिए भेज दी गई. पुलिस के सूत्रों ने बताया कि, रायपुर से फरार होने के बाद से ही कालीचरण का फोन बंद हो गया था. लेकिन एक बार मध्य प्रदेश के खजुराहो में कालीचरण का फोन चालू हुआ. इसके बाद फिर फोन बंद कर दिया.
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रायपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि, मध्य प्रदेश के खजुराहो से 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम के पास एक प्राइवेट व्यक्ति के यहां किराए में रूम लेकर रुके थे. वहां से रायपुर पुलिस ने गुरुवार सुबह 4 बजे कालीचरण को गिरफ़्तार किया.
संत के खिलाफ इन धाराओं में दर्ज मामला
संत कालीचरण के खिलाफ रायपुर टिकरापारा थाने में अपराध पंजीकृत किया गया है. धर्म संसद के दौरान कालीचरण का व्याखायन वीडियो और अन्य साक्ष्यों के आधार पर अन्य धाराएं भी जोड़ी गई. इसमें समाज में शत्रुता फैलाने वाली धाराएं जोड़ी गई है. वीडियो फुटेज जब्त कर लिए गए. रायपुर एएसपी ने बताया कि, कालीचरण पर धारा- 153(a), 153 (b) भी जोड़ दी गई. इसके अलावा शुरुआत में धारा- 294 और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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राष्ट्रपिता के खिलाफ की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
बता दें कि, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी और अपशब्द कहने पर एफआईआर के बाद संत कालीचरण का एक और वीडियो सामने आया है. वीडियों में संत कालीचरण ने कहा था कि, उन्हें इसका कोई पश्चाताप नहीं है. मुझे मृत्युदंड भी स्वीकार है. फांसी पर भी चढ़ा दोगे तो भी मेरे सुर नहीं बदलेंगे.
उन्होंने कहा था कि, करोड़ों साल से राष्ट्र है. 200 साल पहले आया व्यक्ति कैसे राष्ट्रपिता हो सकता है. इस वीडियो में भी उन्होंने नाथूराम गोडसे को फिर साष्टांग प्रणाम किया था. उन्होंने कहा कि, महात्मा, गांधीजी नहीं बल्कि नाथूरोम गोडसे है. धर्म की रक्षा और राष्ट्र को बचाने के लिए वे फांसी पर भी चढ़ने को तैयार हैं.
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नाथूराम गोडसे को किया था प्रणाम
बता दें कि, रविवार शाम दो दिवसीय धर्म संसद के अंतिम दिन कालीचरण ने अपने वक्तव्य के दौरान राष्ट्रपिता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को प्रणाम करते हुए उनकी प्रशंसा की थी.