प्रयागराज. महंत नरेंद्र गिरि की मौत का मामला और ही उलझता जा रहा है उनके कमरे से बरामद सुसाइड लैटर के सामने आने से एक और बड़ा खुलासा हुआ है जिसमें बाघंबरी गद्दी के उत्तराधिकारी का भी नाम सामने आ गया है.
तीन लोग है मौत के जिम्मेदार!
महंत नरेंद्र गिरि ने स्पष्ट शब्दों में अपने उत्तराधिकारी के तौर पर बलवीर गिरि का नाम लिखा है. इसी के साथ उन्होंने ये भी साफ किया है कि उनकी मौत के जिम्मेदार सीधे तौर पर आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संतोष तिवारी हैं जो उन्हें मानसिक तौर पर परेशान कर रहे थे.
उन्होंने इन तीनों आरोपियों के नाम के साथ लिखा है कि मैं पुलिस अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों से प्रार्थना करता हूं कि इन तीनों के साथ कानूनी कार्रवाई की जाए जिससे मेरी आत्मा को शांती मिल सके.
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13 सितंबर को करने वाले थे सुसाइड
महंत नरेंद्र गिरि का जो सुसाइड नोट मीडिया के पास है उसमें ये भी लिखा है कि वह 13 सितंबर को भी आत्महत्या करने जा रहे थे लेकिन हिम्मत नहीं कर पाए। आज (20 सितंबर) जब हरिद्वार से सूचना मिली कि आनंद गिरी कंप्यूटर के माध्यम से किसी महिला या लड़की की फोटो को उनकी फोटो के साथ लगाकर उसे वायरल करने वाला है तो वह बेहद आहत हो गए।
महंत बलवीर गिरि को मढ़ी का महंत बनाने का जिक्र
इसके साथ ही महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा कि प्रिय बलवीर गिरि मठ मंदिर की व्यवस्था का प्रयास करना, जिस तरह से मैं किया करता था. साथ ही उन्होंने अपने कुछ शिष्यों का ध्यान रखने की भी बात कही. इसके साथ उन्होंने महंत हरी गोविंद पुरी के लिए उन्होंने लिखा कि आप से निवेदन है कि मढ़ी का महंत बलवीर गिरि को ही बनाना. साथ ही महंत रविन्द्र पुरी जी के लिए उन्होंने लिखा कि आप ने हमेशा साथ दिया है, मेरे मरने के बाद भी मठ की गरिमा को बनाए रखना.
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आनंद गिरि के कारण ही कर रहा हूं आत्महत्या
महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा कि आनंद गिरि के कारण आज मैं विचलित हो गया. हरिद्वार से सूयना मिली की आनंद कंप्यूटर के माध्यम से एक लड़की के साथ मेरा फोटो जोड़कर गलत काम कर मेरे को बदनाम करने जा रहा है. आनंद का कहना है कि यदि मैं ने कहा तो आप सफाई देते रहोगे. आगे नरेंद्र गिरि ने लिखा कि मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं अगर मेरी बदनामी हो गई तो मैं समाज मैं कैसे रहूंगा, इससे अच्छा मर जाना ठीक रहेगा.
पहले ही करना चाहता था आत्महत्या
नरेंद्र गिरि ने लिखा कि आज मैं आत्महत्या कर रहा हूं जिसकी पूरी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी की है जिन्हें मैंने पहले ही निकाल दिया है. वैसे मैं पहले ही आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं हुई. अब ये मेरे अंदर विचार आनंद गिरि ने जारी किया जिससे मेरी बदनामी हुई. आज मैं हिम्मत हार गया और आत्महत्या कर रहा हूं.
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