श्रावस्ती: इकौना में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, अवैध नर्सिंग होम व पॉलिक्लिनिक पर ताबड़तोड़ छापेमारी
श्रावस्ती के इकौना में स्वास्थ्य विभाग ने आज अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम और पॉलिक्लिनिक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।
मीडिया में लगातार अवैध अस्पतालों के संचालन की खबरें सामने आने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर ACMO के नेतृत्व में टीम ने तीन प्रमुख संस्थानों पर अचानक छापा मारा।
ACMO की टीम की अचानक एंट्री, तीन बड़े संस्थान जांच के घेरे में
कार्रवाई के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम मार्डन अल्ट्रासाउंड सेंटर, सहारा हॉस्पिटल और आनंद हॉस्पिटल में बिना पूर्व सूचना पहुंची।
जांच के दौरान कई गंभीर खामियां और अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें शामिल हैं—
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बिना मानक स्टाफ के अस्पताल संचालन
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रजिस्ट्रेशन संबंधित कमियां
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अल्ट्रासाउंड विभाग में कागजी प्रक्रियाओं का अभाव
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फायर और सुरक्षा मानकों का पालन न होना
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लाइसेंस और अनुमोदन दस्तावेज अधूरे
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर दस्तावेजों की जांच की, संदिग्ध उपकरणों को सील किया और सभी रिकॉर्ड कब्जे में लिए।
संचालकों को नोटिस, जवाब तलब—कड़ी कार्रवाई के संकेत
तीनों जगहों पर अनियमितताएँ मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने
संचालकों को नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं।
ACMO ने साफ कहा है कि—
“लाइसेंस और नियमों के बिना कोई भी अस्पताल या सेंटर चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जवाब असंतोषजनक मिलने पर कठोर कार्रवाई तय है।”
छापेमारी की जानकारी फैलते ही इलाके के अस्पतालों में हड़कंप
जैसे ही कार्रवाई की खबर फैली,
इकौना और आसपास के क्षेत्रों में चल रहे कई निजी अस्पतालों, क्लीनिकों और अल्ट्रासाउंड सेंटरों में हड़कंप मच गया।
कई संचालक अपने दस्तावेज दुरुस्त करने में जुट गए, जबकि कुछ ने जल्दबाज़ी में अपने सेंटरों के शटर गिरा दिए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों से बिना लाइसेंस और बिना योग्य डॉक्टरों के कई अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे थे, जिनके खिलाफ यह पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है।
आगे और भी कार्रवाई संभव
सूत्रों के अनुसार यह पूरी कार्रवाई सीएमओ राकेश कुमार के निर्देश पर की गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने संकेत दिए हैं कि
यह सिर्फ शुरुआत है —
अब पूरे जिले में सभी प्राइवेट अस्पतालों, पैथोलॉजी, नर्सिंग होम और अल्ट्रासाउंड सेंटरों की व्यापक जांच की जाएगी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
कई ग्रामीणों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि
“जिले में फर्जी अस्पताल और गलत इलाज की शिकायतें आम हो चुकी थीं। प्रशासन का यह कदम देर से सही, लेकिन बेहद जरूरी है।”
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