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श्रावस्ती में प्राइवेट नर्सिंग होम की लापरवाही से महिला की मौत, परिजनों ने उठाई न्याय की गुहार — 25 लाख मुआवज़े की मांग

श्रावस्ती। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही और मानक विहीन प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी एक बार फिर इंसानी जिंदगी पर भारी पड़ गई। भिनगा कस्बे के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज के दौरान 45 वर्षीय महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिवार ने अस्पताल पर घोर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाते हुए दोषी डॉक्टरों और संचालक पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

पथरी ऑपरेशन में 10 जगह लगाए गए कट, हालत बिगड़ने लगी

मृतका के परिजनों के अनुसार, भिनगा के आकाश नर्सिंग होम में महिला को पथरी का ऑपरेशन कराने के लिए भर्ती किया गया था। परिजनों का आरोप है कि नर्सिंग होम में न तो उचित मशीनें थीं, न विशेषज्ञ सर्जन मौजूद। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने ऑपरेशन किया, जिसमें महिला के पेट पर लगभग 10 जगह तक कट लगाए गए

परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के तुरंत बाद ही महिला की हालत गंभीर रूप से बिगड़ने लगी। नर्सिंग होम के कर्मचारी स्थिति संभालने में नाकाम रहे और मरीज को रेफर करने में भी देरी की।

बहराइच से बुलाए डॉक्टरों पर भी सवाल

परिजनों ने बताया कि नर्सिंग होम संचालक ने बहराइच से कुछ डॉक्टरों को बुलाया था, जिनके अनुभव और विशेषज्ञता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। परिवार का आरोप है कि अपर्याप्त और अनभिज्ञ टीम द्वारा किए गए गलत ऑपरेशन की वजह से ही महिला की मौत हुई।

स्थिति बिगड़ने पर महिला को पहले बहराइच मेडिकल कॉलेज, और वहाँ हालत न सुधरने पर लखनऊ रेफर किया गया। कई दिनों तक जीवन संग्राम करने के बाद भी अंततः महिला को बचाया नहीं जा सका।

परिजनों ने मांगा 25 लाख मुआवज़ा, सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े

मृतका की बेटी शालिनी तिवारी ने मीडिया को बताया कि उनकी माँ की मौत अस्पताल की सीधी लापरवाही का नतीजा है।
उन्होंने कहा:

“मेरी माँ पूरी तरह ठीक थीं… सिर्फ पथरी की दिक्कत थी। गलत ऑपरेशन ने उनकी जान ले ली। हम दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई चाहते हैं।”

परिजनों ने 25 लाख रुपये के मुआवज़े और दोषी डॉक्टरों एवं नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग उठाई है। साथ ही डीएम और पुलिस अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।

स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रावस्ती जिले भर में प्राइवेट और मानकहीन अस्पतालों का मकड़जाल फैला हुआ है, जहाँ बिना योग्य डॉक्टरों और उपकरणों के खतरनाक ऑपरेशन किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की लगातार लापरवाही और अनदेखी से ऐसे अस्पताल खुलकर मनमानी कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने भी इस घटना को लेकर गहरा रोष जताया और मांग की कि जिले में सभी प्राइवेट नर्सिंग होम की जाँच कर फर्जी और खतरनाक अस्पतालों पर तुरंत कार्रवाई हो।

प्रशासन सक्रिय—जाँच जल्द शुरू होने की उम्मीद

सूत्रों के अनुसार, जिला प्रशासन मामले का संज्ञान ले चुका है। परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस भी कार्रवाई की तैयारी में है। उम्मीद की जा रही है कि मामले की जांच जल्द शुरू होगी और अस्पताल संचालक से पूछताछ भी हो सकती है।

महिला की मौत ने जिले में निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

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