लखनऊ। शनि अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या आज 30 अप्रैल दिन शनिवार को है. वैशाख माह की अमावस्या आज शनिवार को पड़ी है, इसलिए शनि अमावस्या का योग बना है. वैशाख अमावस्या तिथि 03 अप्रैल को 12:57 एएम पर शुरु हुई है, जो 01 मई दिन रविवार को 01:57 एएम तक रहेगी.
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शनि अमावस्या पर शनि देव की पूजा करने का विधान है. उनको प्रसन्न करके आप शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या कुंडली में शनि दोष से होने वाली परेशानियों से राहत पा सकते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं शनि अमावस्या के शुभ मुहूर्त, मंत्र एवं पूजा विधि के बारे में.
शनि अमावस्या 2022 पूजा मुहूर्त
आज शनि अमावस्या के दिन प्रात:काल से ही प्रीति योग बना है, जो 03:20 पीएम तक रहेगा. उसके बाद से आयुष्मान योग लग जाएगा. सुबह से ही आश्विनी नक्षत्र भी है. ये योग और नक्षत्र दोनों ही मांगलिक कार्यों के लिए शुभ हैं. ऐसे में आप चाहें तो शनि अमावस्या पर सुबह स्नान के बाद शनि देव की पूजा कर सकते हैं.
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शनि अमावस्या के दिन का शुभ समय यानी अभिजित मुहूर्त 11:52 एएम से दोपहर 12:45 पीएम तक है. इस दिन आपको कोई शुभ कार्य करना है, तो इस मुहूर्त में कर सकते है, इस दौरान प्रीति योग भी रहेगा.
शनि अमावस्या वाले दिन राहुकाल सुबह 09:00 बजे से सुबह 10:39 बजे तक है. इस दौरान आपको पूजा या अन्य शुभ मांगलिक कार्यों को करने से परहेज करना चाहिए.
शनि देव पूजा मंत्र
ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि बीज मंत्र
ओम प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
ओम शं शनैश्चरायै नम:
शनि अमावस्या पूजा विधि
आज सुबह स्नान आदि के बाद शनि देव के मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा अर्चना करें. इस दौरान शनि देव को अक्षत्, काला तिल, नीले फूल, सरसों का तेल, शमी का पत्ता आदि अर्पित करें. उस समय शनि मंत्र का उच्चारण करते रहें. इसके पश्चात शनि चालीसा, शनि स्तोत्र आदि का पाठ करें. फिर तेल के तिल का दीपक जलाएं और उससे शनि देव की आरती करें.
शनि देव की पूजा करते समय ध्यान रखें कि उनकी आंखों को न देखें. कहा जाता है कि जिस पर शनि की दृष्टि पड़ती है, उसका कठिन समय शुरु हो जाता है. यह श्राप उनको उनकी पत्नी ने दिया था.
शनि पूजा का महत्व
शनि देव की पूजा करने से साढ़ेसाती, ढैय्या, शनि दोष से राहत मिलती है. नौकरी, बिजेनस में तरक्की मिलती है. जिन पर शनि देव की कृपा होती है, उनके सभी कार्य सफल होते हैं. कोर्ट कचहरी के मामलों में सफलता मिलती है.
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