छिबरामऊ (कन्नौज)। राष्ट्र निर्माण और सामाजिक परिवर्तन के संकल्प के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा रविवार को नगर के तिवारीयान बस्ती में भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। सैकड़ों स्वयंसेवकों ने कदमताल मिलाते हुए अनुशासन और राष्ट्रभक्ति का अद्भुत प्रदर्शन किया। संचलन के दौरान जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया। नगर में गूंजते संगठन गीतों और घोष की ध्वनि ने माहौल को राष्ट्रभक्ति से सराबोर कर दिया।
शताब्दी वर्ष में संघ का ‘पंच परिवर्तन’ संकल्प
कार्यक्रम के दौरान नगर प्रचारक गौरव जी ने स्वयंसेवकों का उत्साह बढ़ाते हुए ‘संगठन बढ़े चलो, सुपथ पर बढ़े चलो’ जैसे प्रेरणादायक गीतों पर संचलन का नेतृत्व किया। पथ संचलन चंद्रकला गेस्ट हाउस से प्रारंभ होकर सीसीए स्कूल, प्रभात दुबे की गली, नगर पालिका रोड, माली वाली गली चौराहा होते हुए कानूनगोयान जेर किला से वापस गेस्ट हाउस पर समाप्त हुआ।
गेस्ट हाउस परिसर में आयोजित सभा के दौरान रजनीश दुबे ने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देशभर में संघ के बस्ती स्तर पर पथ संचलन आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि संघ ने समाज में व्यापक परिवर्तन के लिए ‘पंच परिवर्तन’ का संकल्प लिया है — इन्हीं परिवर्तनों के माध्यम से राष्ट्र के नव निर्माण की दिशा तय होगी।
युवाओं से आत्मनिर्भरता का आह्वान
रजनीश दुबे ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश की प्रगति का आधार आत्मनिर्भर युवा शक्ति है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे आत्मनिर्भर बनें, समाज के उत्थान में योगदान दें और संगठन के कार्यों से जुड़कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य केवल संगठन विस्तार नहीं बल्कि समाज में चरित्र, अनुशासन, सेवा और राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत करना है।
नगरवासियों ने किया पुष्पवर्षा से स्वागत
पथ संचलन के मार्ग में स्थानीय नागरिकों ने स्वयंसेवकों पर फूलों की वर्षा की और जयघोष से स्वागत किया। कार्यक्रम में नगर के प्रबुद्धजन, व्यापारी, छात्र, शिक्षक और महिलाएं भी उपस्थित रहीं। अनुशासित पंक्तियों में कदमताल करते स्वयंसेवकों की झलक ने नगरवासियों के बीच उत्साह और गर्व का माहौल पैदा कर दिया।
संघ का संदेश: संगठन और सेवा से होगा परिवर्तन
आरएसएस के प्रचारकों ने बताया कि समाज में पांच प्रमुख क्षेत्रों—शिक्षा, स्वावलंबन, संस्कृति, संगठन और सेवा—में परिवर्तन लाने का लक्ष्य रखा गया है। जब इन पांच क्षेत्रों में सामूहिक सुधार होगा, तभी वास्तविक सामाजिक परिवर्तन संभव है।
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