महू में बाबा साहब की जन्मभूमि पर बीएसपी ने आयोजित की भव्य श्रद्धांजलि सभा, हजारों अनुयायियों ने किया नमन

इंदौर (मध्यप्रदेश)। भारत रत्न, संविधान निर्माता और समाज सुधारक डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर उनकी जन्मभूमि महू (इंदौर) में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) द्वारा एक विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में बाबा साहब के अनुयायी, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी वर्ग और बीएसपी पदाधिकारी शामिल हुए।
कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था। पूरे परिसर को बाबा साहब के विचारों और उनके प्रेरणादायक उद्धरणों से सुसज्जित किया गया था। श्रद्धांजलि सभा में बाबा साहब के जीवन संघर्ष, सामाजिक न्याय के लिए उनके योगदान और उनके द्वारा रचित संविधान की महत्ता पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्य अतिथि मनीष आनंद ने कहा — “अंबेडकर के विचार ही सच्ची राष्ट्रशक्ति हैं”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं बीएसपी के केंद्रीय कोऑर्डिनेटर श्री मनीष आनंद ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन की एक क्रांति है। उन्होंने कहा —
“बाबा साहब ने जाति, धर्म और भेदभाव से ऊपर उठकर एक ऐसे समाज की कल्पना की थी, जहाँ हर व्यक्ति को समान अधिकार मिले। आज आवश्यकता है कि हम उनके सिद्धांतों को केवल याद न करें, बल्कि उन्हें व्यवहार में लाएँ।”
श्री आनंद ने आगे कहा कि बाबा साहब का संविधान-निर्माण कार्य दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक प्रयासों में से एक है और वह भारत के प्रत्येक नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का अधिकार देता है। उन्होंने बीएसपी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे बाबा साहब के मिशन को जन-जन तक पहुँचाने के लिए निरंतर सक्रिय रहें।
कार्यक्रम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, पुष्पांजलि अर्पित कर दी गई श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि सभा के दौरान बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए और उनके विचारों को अपनाने का संकल्प लिया गया। सभा स्थल पर “जय भीम”, “बाबा साहब अमर रहें” के नारे गूंजते रहे। कार्यक्रम में मौजूद श्रद्धालुओं ने कहा कि बाबा साहब के योगदान को शब्दों में बाँधा नहीं जा सकता — वे सामाजिक न्याय, शिक्षा और समान अवसर के प्रतीक हैं।
शांतिपूर्ण और अनुशासित माहौल में संपन्न हुआ कार्यक्रम
पूरे आयोजन के दौरान माहौल पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित रहा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा विशेष प्रबंध किए गए थे। आयोजन के अंत में बीएसपी पदाधिकारियों ने बाबा साहब के विचारों को आगे बढ़ाने और समाज में समता स्थापित करने के संकल्प के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

समाज को दिया संदेश — “संविधान की रक्षा ही सच्ची श्रद्धांजलि”
सभा के अंत में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है जब हम उनके बनाए संविधान की मर्यादा और मूल्यों की रक्षा करें। उन्होंने कहा कि समानता, शिक्षा और सामाजिक न्याय के उनके सिद्धांत ही भारत को एक सशक्त और प्रगतिशील राष्ट्र बना सकते हैं।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal