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Medical Negligence -रामपुर में आशा की लापरवाही से महिला मौत के मुहाने पर, कार्रवाई नहीं

रामपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी आशा कार्यकर्ता की गंभीर लापरवाही और गैरकानूनी कार्यों के चलते एक खुशहाल परिवार तबाही के कगार पर पहुंच गया है। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी रामपुर तक शिकायत किए जाने के बावजूद अब तक आरोपी आशा के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। मजबूर होकर पीड़िता ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से इंसाफ की गुहार लगाई है।

यह पूरा मामला रामपुर जिले के थाना खजुरिया क्षेत्र के धीमरी गांव का है। यहां की रहने वाली एक महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों ने गांव में तैनात आशा कार्यकर्ता मीनू को बुलाया। आरोप है कि आशा मीनू ने महिला को यह कहकर भरोसे में लिया कि वह घर पर ही सुरक्षित तरीके से बच्चा पैदा करवा देगी। इसी दौरान आशा ने महिला को दो इंजेक्शन लगाए, जिसके बाद कथित तौर पर नॉर्मल डिलीवरी कराने के नाम पर महिला के प्राइवेट पार्ट को गंभीर रूप से काट दिया गया।

इस अमानवीय हरकत के बाद महिला की हालत तेजी से बिगड़ने लगी। आरोप है कि गंभीर स्थिति के बावजूद आशा मीनू ने महिला को सरकारी अस्पताल ले जाने के बजाय कमीशन के लालच में उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया। पीड़िता को उत्तर प्रदेश से बाहर बरेली जिले के शीशगढ़ स्थित ओम केयर हॉस्पिटल में ले जाकर भर्ती कराया गया, जहां परिजनों का आरोप है कि महंगी जांचें और दवाइयां लिखकर उनसे जमकर पैसे वसूले गए।

जब वहां भी महिला की हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे दूसरे निजी अस्पताल, दुआ हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां महिला की सर्जरी की गई। लेकिन ऑपरेशन के बाद स्थिति और ज्यादा खतरनाक हो गई। महिला को अत्यधिक ब्लीडिंग होने लगी। इसके बाद उसे टीएमयू डेंटल कॉलेज ले जाया गया, जहां से इलाज करने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद परिजन महिला को जानूनगर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां फिलहाल महिला का इलाज चल रहा है।

डॉक्टरों का कहना है कि महिला की हालत बेहद गंभीर है और उसे बचाने के लिए एक बड़ी सर्जरी की जरूरत है, जिसके लिए करीब सवा महीने का समय बताया गया है। इलाज में अब तक पीड़ित परिवार करीब ढाई लाख रुपये खर्च कर चुका है, जबकि आगे के ऑपरेशन और इलाज के लिए ढाई लाख रुपये और चाहिए।

पीड़िता के पति मेहंदी हुसैन का कहना है कि वह कर्ज लेकर अपनी पत्नी का इलाज करा रहे हैं। उनके पास अब न तो पैसे बचे हैं और न ही कोई सहारा। उन्होंने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर समय रहते सही इलाज और कार्रवाई होती तो उनकी पत्नी आज इस हालत में नहीं होती।

पीड़ित परिवार की मांग है कि आरोपी आशा मीनू के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए, क्योंकि उसकी लापरवाही और गैरकानूनी हरकतों ने एक महिला की जिंदगी बर्बाद कर दी और उसे मौत के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। साथ ही पीड़िता को सरकारी सहायता और मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाए।

बाइट – पीड़ित पति, मेहंदी हुसैन
ग्राम धीमरी, तहसील मिलक, जनपद रामपुर

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