नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौतम बुद्ध की जन्म स्थली लुम्बिनी में नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा से सोमवार को द्विपक्षीय वार्ता की. दोनों नेताओं ने बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी में नए क्षेत्रों को तलाशने और मौजूदा सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
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इसके बाद पीएम मोदी बुद्ध जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि मुझे पहले भी वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध से जुड़े दिव्य स्थलों पर, उनसे जुड़े आयोजनों में जाने का अवसर मिलता रहा है. और आज, भारत के मित्र नेपाल में भगवान बुद्ध की पवित्र जन्म-स्थली लुम्बिनी आने का ये सौभाग्य मिला है.
मायादेवी मंदिर में दर्शन का मुझे अवसर मिला
प्रधानमंत्री ने कहा कि, मायादेवी मंदिर में दर्शन का जो अवसर मुझे मिला, वो भी मेरे लिए अविस्मरणीय है. वो जगह, जहां स्वयं भगवान बुद्ध ने जन्म लिया हो, वहाँ की ऊर्जा, वहाँ की चेतना, ये एक अलग ही अहसास है.
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उन्होंने कहा कि जनकपुर में मैंने कहा था कि, नेपाल के बिना हमारे राम भी अधूरे हैं. मुझे पता है कि आज जब भारत में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है, तो नेपाल के लोग भी उतना ही खुश हैं.
पीएम मोदी ने भारत-नेपाल के रिश्तों पर कहा कि, आज जिस तरह की वैश्विक परिस्थितियां बन रही हैं, उसमें भारत और नेपाल की निरंतर मजबूत होती मित्रता, हमारी घनिष्ठता, संपूर्ण मानवता के हित का काम करेगी. उन्होंने कहा कि, नेपाल में लुम्बिनी म्यूज़ियम का निर्माण भी दोनों देशों के साझा सहयोग का उदाहरण है. आज हमने लुम्बिनी Buddhist University में डॉ अम्बेडकर Chair for Buddhist Studies स्थापित करने का भी निर्णय लिया है.
कुशीनगर में महापरिनिर्वाण हुआ
पीएम ने कहा कि, वैशाख पूर्णिमा का दिन लुम्बिनी में सिद्धार्थ के रूप में बुद्ध का जन्म हुआ. इसी दिन बोधगया में वो बोध प्राप्त करके भगवान बुद्ध बने. और इसी दिन कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ. एक ही तिथि, एक ही वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध की जीवन यात्रा के ये पड़ाव केवल संयोग मात्र नहीं था. इसमें बुद्धत्व का वो दार्शनिक संदेश भी है, जिसमें जीवन, ज्ञान और निर्वाण, तीनों एक साथ हैं.
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देउबा के निमंत्रण पर पीएम मोदी बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर हिमालयी देश में स्थित लुम्बिनी पहुंचे. उन्होंने यहां माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद देउबा से मुलाकात की.
अपनी यात्रा से पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि नेपाल की उनकी यात्रा का उद्देश्य ‘‘समय की कसौटी पर खरे’’ उतरे दोनों देशों के संबंधों को और गहरा करना है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष जलविद्युत, विकास और संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने को लेकर बनी समझ को आगे बढ़ाएंगे.
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