भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख वी. नारायणन ने मंगलवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सभी सैटेलाइट्स ने बिना किसी रुकावट के लगातार काम किया और सेना को जरूरी मदद पहुंचाई।
‘सैटेलाइट्स 24 घंटे काम और हर जरूरत को कर रहे थे पूरा’
उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सभी सैटेलाइट्स 24 घंटे बेहतरीन तरीके से काम कर रहे थे और हर जरूरत को पूरा कर रहे थे।’ नारायणन ने बताया कि फिलहाल भारत के पास 58 सक्रिय सैटेलाइट्स कक्षा (ऑर्बिट) में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्ष्य तय किया है कि अगले तीन साल में यह संख्या तीन गुना हो जाएगी।
आतंक के खिलाफ भारत का ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को शुरू किया गया था। यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी। यह सेना का त्रि-सेवा (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) संयुक्त अभियान था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करना था।
‘देश की सुरक्षा के लिए सैटेलाइट्स का होना बहुत जरूरी’
सरकार की तरफ से 14 मई को जारी एक आधिकारिक बयान में भी इसरो की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र किया गया था। इसमें कहा गया कि कम से कम 10 सैटेलाइट्स लगातार निगरानी के लिए काम कर रहे थे। इसरो प्रमुख ने कहा, ‘देश की सुरक्षा के लिए सैटेलाइट्स का होना बहुत जरूरी है।
समुद्री तट और उत्तरी सीमाओं की निगरानी जारी- नारायणन
उन्होंने आगे कहा- हमें अपने 7000 किलोमीटर लंबे समुद्री तट और उत्तरी सीमाओं की लगातार निगरानी करनी होती है। सैटेलाइट और ड्रोन तकनीक के बिना यह संभव नहीं है।’ वी नारायणन के मुताबिक, इन सैटेलाइट्स की मदद से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal